आखिर कितना प्लास्टिक कचरा है दुनिया में
कोशिश की जा रही है कि दिसंबर, 2024 तक प्लास्टिक कचरे को कम करने की दुनिया की पहली संधि पर सभी देशों के बीच सहमति हो जाए. आइए जानते हैं कि आखिर कितना प्लास्टिक कचरा दुनिया में फैल चुका है.
230 गुना बढ़ गया है उत्पादन
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के मुताबिक आज 1950 के मुकाबले प्लास्टिक के मूलभूत अंग सिंथेटिक पॉलिमर का वैश्विक उत्पादन 230 गुना बढ़ गया है. 2000 से 2019 के बीच ही कुल उत्पादन दोगुना होकर 46 करोड़ टन हो गया. स्टील, एल्युमीनियम और सीमेंट जैसे उत्पादों से भी ज्यादा तेजी से सिंथेटिक पॉलिमर का उत्पादन हो रहा है. ओईसीडी के मुताबिक, 2060 तक यह आंकड़ा 46 करोड़ टन से 1.2 अरब टन हो जाएगा.
कहां बन रहा है सबसे ज्यादा प्लास्टिक
प्लास्टिक उत्पदान में यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से अमेरिका, मध्य पूर्व और चीन में हुई है. कोविड-19 महामारी और उसके बाद आए आर्थिक संकट की वजह से हेल्थकेयर, फूड रिटेल और ई-कॉमर्स में एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक की खपत बढ़ गई है.
एक अरब टन प्लास्टिक कचरा
2000 से 2019 के बीच दुनियाभर में बनने वाले प्लास्टिक कचरे की संख्या दोगुने से भी ज्यादा बढ़ कर, 15.6 करोड़ टन से 35.3 करोड़ टन हो गई. अनुमान है कि 2060 तक यह तीन गुना बढ़ कर एक अरब टन हो जाएगी. इसमें से दो-तिहाई से भी ज्यादा कचरा ऐसी चीजों का है जो पांच साल से भी कम चलती हैं, जैसे प्लास्टिक पैकेजिंग का सामान, कपड़े आदि.
4.4 करोड़ टन हो सकता है कचरा
ओईसीडी का अनुमान है कि 2060 तक पर्यावरण में मौजूद कचरे की मात्रा दोगुना बढ़कर 4.4 करोड़ टन हो जाएगी, जिसमें से अधिकांश कचरा बड़ा प्लास्टिक होगा. लेकिन इसमें से काफी छोटे छोटे कण भी होंगे जिन्हें खून में और मां के दूध में पाया गया है.
क्या होता है प्लास्टिक कचरे का
पूरी दुनिया में प्लास्टिक कचरे का सिर्फ नौ प्रतिशत रिसाइकल किया जाता है, 19 प्रतिशत को जलाया जाता है और करीब 50 प्रतिशत लैंडफिल यानी बड़े बड़े गड्ढों में पहुंच जाता है. बाकी 22 प्रतिशत अवैध रूप से फेंक दिया जाता है, खुले में जला दिया जाता है या यूं ही पर्यावरण में छोड़ दिया जाता है.
समुद्री कचरा ज्यादातर प्लास्टिक
ओईसीडी के मुताबिक 2.2 करोड़ टन प्लास्टिक पर्यारण में मिल गया, जिसमें से 60 लाख टन नदियों, तालाबों और सागरों में गया. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के मुताबिक, समुद्री कचरे का कम से कम 85 प्रतिशत प्लास्टिक है.
कार्बन उत्सर्जन में भी बड़ा योगदान
प्लास्टिक का अच्छा खासा कार्बन पदचिह्न भी होता है. 2019 में प्लास्टिक की वजह से 1.8 अरब टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन हुआ, जो दुनियाभर के कुल उत्सर्जन का 3.4 प्रतिशत है. ओईसीडी और यूएनईपी के मुताबिक इस उत्सर्जन में से करीब 90 प्रतिशत प्लास्टिक के उत्पादन और प्रोसेसिंग से आया. (एएफपी)