उदारवादी विचारों के समर्थक थे ली केचियांग
२७ अक्टूबर २०२३ली का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से देहांत हो गया. वो 68 साल के थे. वो करीब एक दशक तक चीन के आर्थिक मामलों के शीर्ष अधिकारी रहे और इस दौरान देश की अर्थव्यवस्था का अमेरिका के साथ तनाव और कोविड-19 महामारी जैसे संकटों में मार्गदर्शन किया.
उन्हें निजी व्यापार के समर्थक के रूप में जाना जाता था, लेकिन राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्यकाल में वो दरकिनार होते चले गए थे. जैसे-जैसे शी और शक्ति हासिल करते चले गए, ली का अधिकांश प्रभाव कम होता चला गया.
उभरते नेता, बाद में हुए दरकिनार
उन्हें अंग्रेजी बोलने वाले अर्थशास्त्री के रूप में जाना जाता था और वो राजनेताओं की उस पीढ़ी से थे जिनकी ऐसे युग में तैयारी की गई थी जब पश्चिम के उदारवादी विचारों के प्रति ज्यादा खुलापन था.
वो 1966-76 में चीन की सांस्कृतिक क्रांति के उथल पुथल वाले माहौल के दौरान राजनीति में आये थे. धीरे-धीरे कम्युनिस्ट पार्टी में उनका कद काफी बढ़ गया था और करीब एक दशक पहले तक तो उन्हें हू जिंताओ का मुख्य उत्तराधिकारी माना जाता था.
लेकिन पार्टी के अलग-अलग गुटों के बीच संतुलन बनाने के लिए पार्टी नेतृत्व ने ली की जगह शी को चुना. लेकिन इन दोनों के बीच कभी वैसी साझेदारी नहीं बन पाई जैसी हू और उनके प्रीमियर वेन जियाबाओ या माओ त्से तुंग और चाउ एन लाई के बीच थी.
हालांकि ली और शी ने कभी भी खुले में मूलभूत नीतियों पर असहमति जाहिर नहीं की. अक्टूबर 2022 में ली को पार्टी कांग्रेस के दौरान स्टैंडिंग कमेटी से बाहर रख दिया गया, बावजूद इसके कि वो 70 साल की अनौपचारिक सेवानिवृत्ति उम्र से दो साल पीछे थे.
लोग कर रहे याद
मार्च में उन्होंने प्रीमियर के पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह ली कियांग ने ले ली. शुक्रवार को उनके देहांत के बाद चीन के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. सोशल मीडिया वीबो पर उनकी मौत से जुड़े एक हैशटैग को कुछ ही घंटों में एक अरब से भी ज्यादा बार देखा गया.
ली से जुड़ी पोस्ट पर "लाइक" के बटन को गुलबहार (डेजी) के फूल में बदल दिया गया, जो चीन में अंतिम संस्कार के दौरान आम तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाल फूल है. कई लोगों ने उनकी मृत्यु को एक क्षति बताया और कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत की थी और चीन के हित में बहुत योगदान था.
विश्व नेताओं ने भी ली को श्रद्धांजलि दी. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने ली के देहांत पर शोक प्रकट किया है.
चीन में जापान के दूतावास ने भी वीबो पर अपना शोक संदेश दिया. दूतावास ने कहा कि ली 2018 में जापान गए थे और उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
सीके/एए (एपी, डीपीए)