2025 पासपोर्ट इंडेक्स: भारत की रैंकिंग गिरी
2025 हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में 199 देशों के पासपोर्ट को उनकी वीजा फ्री पहुंच के आधार पर रैंकिंग दी जाती है. वीजा देने में भेदभाव और अमीरों की बढ़ती माइग्रेशन की लहर रिपोर्ट में साफ दिखाई देती है.
सबसे ताकतवर पासपोर्ट
2025 में सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया में सबसे ताकतवर है. इस पासपोर्ट पर बिना वीजा 195 देशों में जाने की आजादी है. जापान दूसरे नंबर पर है, जिससे 193 देशों में बिना वीजा एंट्री मिलती है.
भारत की रैंकिंग
भारत 2025 हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में 85वें स्थान पर है, जिसमें बिना वीजा 60 देशों में जाया जा सकता है. हालांकि, यह दूसरे बड़े देशों से पीछे है. पिछले साल भारत 80वें नंबर पर था लेकिन इस साल उसकी रैंकिंग में पांच स्थानों की गिरावट हुई है.
यूरोपीय देशों का प्रदर्शन
जर्मनी, इटली, स्पेन समेत छह देश तीसरे स्थान पर हैं. इनके पासपोर्ट पर 192 देशों में बिना वीजा जाया जा सकता0 है. सात यूरोपीय देश चौथे स्थान पर हैं. इनके पासपोर्ट पर 191 देशों में बिना वीजा के जाना संभव है.
सबसे कमजोर पासपोर्ट
अफगानिस्तान इस सूची में सबसे नीचे है. इसके पासपोर्ट पर सिर्फ 26 देशों में बिना वीजा जाने की अनुमति है. सिंगापुर और अफगानिस्तान के बीच 169 देशों का अंतर है.
तेज चढ़ाई और गिरावट
यूएई ने पिछले 10 सालों में 32 पायदान ऊपर चढ़कर 10वां स्थान हासिल किया है. अमेरिका 2015 में दूसरे स्थान पर था, अब वह 9वें पर पहुंच गया है. चीन 2015 में 94वें स्थान पर था, अब 60वें स्थान पर आ गया है.
प्रवासियों की बढ़ती संख्या
हेनली रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में 1.42 लाख अमीर लोग अपना देश छोड़कर नए देश जाएंगे. अमेरिकी नागरिकों ने दूसरे देशों की नागरिकता के लिए सबसे ज्यादा 21 फीसदी अर्जियां दी हैं.
नराजनीतिक और आर्थिक असर
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव का असर पासपोर्ट रैंकिंग पर दिखाई दे रहा है. अमेरिका की सख्त नीतियां और चीन की ओपन पॉलिसी का अंतर है कि अमेरिका की रैंकिंग गिर रही है, जबकि चीन ऊपर जा रहा है.
गरीब-अमीर का फर्क
रैंकिंग में अमीर और गरीब के बीच का अंतर साफ नजर आता है. अमीर लोग आसानी से दूसरी नागरिकता हासिल कर रहे हैं जबकि गरीब देशों के नागरिकों को ज्यादा दिक्कतें पेश आ रही हैं. यूरोप में अफ्रीकी देशों की 50 फीसदी से ज्यादा वीजा अर्जियां खारिज होती हैं.