समुद्र में गिरते कंटेनरों का खतरा
हर साल, लगभग 25 करोड़ कंटेनर दुनियाभर में महासागरों को पार करते हैं, जो सामान्य उत्पादों से लेकर खतरनाक सामग्रियों तक को लाते-ले जाते हैं. लेकिन हर साल सैकड़ों कंटेनर समुद्र में गिर जाते हैं और खतरा पैदा करते हैं.
समुद्र में गिरते कंटेनर
वर्ल्ड शिपिंग काउंसिल के अनुसार, पिछले 16 सालों में हर साल औसतन 1,500 शिपिंग कंटेनर समुद्र में खो गए. हालांकि कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि असली संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है और यह एक बहुत बड़ा नुकसान है.
बड़ी घटनाएं
नवंबर 2020 में, 2,000 कंटेनर चीन से कैलिफोर्निया जा रहे वन एपस जहाज से गिर गए थे. इनमें चप्पलें और साइकिल हेलमेट जैसी चीजों के अलावा पटाखे और बैटरियों जैसे खतरनाक सामान शामिल थे.
पर्यावरण पर असर
2021 में श्रीलंका के पास हुए एक्सप्रेस पर्ल हादसे में 1,400 कंटेनर समुद्र में गिर गए. प्लास्टिक के अरबों टुकड़े, रसायन और जहरीले पदार्थ समुद्र में फैल गए, जिससे समुद्री जीवन को भारी नुकसान हुआ.
समुद्री जीवन का नुकसान
श्रीलंका की घटना के बाद, स्वयंसेवकों ने मरे हुए 400 समुद्री कछुए, 40 डॉल्फिन और 6 व्हेल मछलियों को जमा किया, जिनके मुंह में प्लास्टिक और रसायन भरे हुए थे. इस हादसे के बाद श्रीलंका को 7.2 करोड़ डॉलर का मुआवजा मिला लेकिन उसका बहुत छोटा हिस्सा उन मछुआरों के 12,000 परिवारों को मिला, जो इस हादसे से प्रभावित हुए थे.
खोया हुआ मलबा
फरवरी 2023 में, आइजनहावर जहाज से 24 कंटेनर कैलिफोर्निया के तट के पास गिर गए, जिनसे कपास की गठरियां समुद्र में फैल गईं. उन्हें हटाने के लिए दो ट्रकों की जरूरत पड़ी.
मॉन्टेरी बे रिसर्च
2004 में, मॉन्टेरी बे के वैज्ञानिकों ने समुद्र की सतह से 1,280 मीटर नीचे एक कंटेनर खोजा, जिससे पता चला कि ये कंटेनर समुद्र की गहराई में भी पारिस्थितिकी को प्रभावित करते हैं.
टकराव का खतरा
तैरते हुए कंटेनर नावों के लिए बड़ा खतरा पैदा करते हैं. अब तक कम से कम 8 घटनाएं हो चुकी हैं, जहां नौकाएं और व्यापारिक जहाज कंटेनरों से टकराए हैं, जिससे नाविकों को अपनी नाव छोड़नी पड़ी.
भविष्य के नियम
संयुक्त राष्ट्र की इंटरनेशनल मरीन ऑर्गनाइजेशन द्वारा 2026 तक नए नियम लागू किए जा रहे हैं, जिनके तहत जहाजों को समुद्र में खोए कंटेनरों की रिपोर्ट तटीय देशों को देनी होगी. हालांकि इसका पालन कितनी सख्ती से होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है. वीके/सीके (एपी)