ईरान के मशहूर रैपर को क्यों मिली फांसी की सजा
२६ अप्रैल २०२४ईरान के मशहूर रैपर तूमज सालेही को इस्फहान की रिवॉल्यूशनरी कोर्ट नेमौत की सजा सुनाई है. सालेही को यह सजा 2022-23 में हुए प्रदर्शनों का समर्थन करने के लिए दी गई है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सालेही के वकील आमिर रइसियान ने यह जानकारी दी है.
उन्होंने बताया है कि वहां की रिवल्यूशनरी कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले को परे रखते हुए सालेही को सबसे कठोर सजा सुनाई है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ जरूर अपील करेंगे. उनके पास अपील करने के लिए 20 दिनों का वक्त है.
क्यों दी गई सालेही को मौत की सजा
2022 में 22 साल की महसा अमीनी की मौत पुलिस कस्टडी में हो गई थी. अमीनी को हिजाब ठीक से नहीं पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद ही पूरे ईरान में महिलाओं ने इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इन प्रदर्शनों के समर्थन में 33 वर्षीय सालेही ने कई बयान दिए और कलाकार बोने के नाते इसके साथ-साथ अपने गाने भी रिलीज किए थे.
इन्हीं सब कारणों से अक्टूबर 2022 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. तब ईरान की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें छह साल और तीन महीने की सजा सुनाई थी. सालेही पर सत्ता के खिलाफ प्रोपागैंडा फैलाने, दंगे भड़काने, सशस्त्र विद्रोह, लोगों को इकट्ठा करने, देशद्रोह और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. उनके वकील के मुताबिक नवंबर, 2023 में सालेही को जमानत मिल गई थी लेकिन नवंबर में ही उन्हें दोबारा गलत सूचनाएं फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था. सालेही के परिवार ने यह आरोप भी लगाए थे कि जेल में उनकी जान को खतरा है.
ईरान में प्रदर्शनों का दौर और मानवाधिकार हनन
ईरान के एक और रैपर समन यासीन को पांच साल की सजा सुनाई गई है. यासीन को भी 2022 में हुए प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था. अमीनी की मौत के बाद बड़ी संख्या में सरकार के खिलाफ लोग प्रदर्शन में शामिल हुए थे. ईरान के कानून के तहत महिलाओं का सार्वजनिक जगहों पर अपने बाल ढकना अनिवार्य है.
"महिला, जीवन और आजादी" इन प्रदर्शनों का मुख्य नारा बनकर उभरा था. ये प्रदर्शन ईरान के इतिहास में अब तक हुए सबसे बड़े प्रदर्शनों में से एक थे. इसके बाद ही ईरान की सत्ता ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने और सजा देना का व्यापक अभियान चलाया था.
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने प्रतीक के तौर पर हिजाब पहनने से इनकार कर दिया था. कई महिलाओं ने अपने बाल भी काट दिए थे. मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक इन प्रदर्शनों के दौरान 500 से अधिक लोगों की मौत हुई थी जिसमें 71 नाबालिग भी शामिल थे.
ईरान में बढ़ी फांसी की सजा
हिजाब पहनने के कानून और सत्ता की अन्य दमनकारी नीतियों के खिलाफ हुए इन प्रदर्शनों में ईरान की महिलाएं सबसे आगे रही हैं. सालेही को मिली फांसी की सजा पहला मामला नहीं है जहां 2022 में हुए प्रदर्शन में शामिल किसी शख्स को मौत की सजा मिली है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में प्रदर्शन का हिस्सा रहे सात लोगों को फांसी दी गई थी. नॉर्वे की मानवाधिकार संस्था 'ईरान ह्यूमन राइट्स' और पेरिस की संस्था 'टुगेदर अंगेस्ट डेथ पेनल्टी' की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में हुई प्रदर्शनों के बाद ईरान में फांसी की सजा में 43 फीसदी की बढ़त हुई है. सिर्फ 2023 में ईरान में 834 लोगों को फांसी दी गई थी.
फैसले की दुनिया भर में आलोचना
ईरान में अमेरिकी दूतावास के कार्यालय ने सालेही को दी गई सजा की आलोचनी की है. एक्स पर कार्यालय ने लिखा, "हम इस फैसले की कड़ी निंदा करते हैं. हम दोंनो ही रैपर की रिहाई की मांग करते हैं. यह सत्ता द्वारा अपने ही नागरिकों के साथ की जा रही क्रूरता, मानवाधिकार हनन और ईरान के नागरिकों द्वारा किए जा रहे लोकतांत्रिक बदलावों के खिलाफ डर का एक उदाहरण है."
कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इस फैसले के खिलाफ लोगों से एकजुट होने की अपील की है. ईरानी कार्यकर्ता और पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने एक्स पर लिखा कि सत्ता तूमज सालेही को फांसी देना चाहती है क्योंकि वह बेजुबानों की आवाज बने.
आरआर/आरपी (रॉयटर्स)