कैसे आई वायनाड में तबाही
वायनाड में आई आपदा में 90 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. लेकिन आखिर इस त्रासदी की शुरुआत कैसे हुई और कैसे इसने इतना भयावह रूप ले लिया. आइए जानते हैं.
पहाड़ी इलाका
वायनाड उत्तर-पूर्वी केरल में बसा, राज्य का एकमात्र पठारी जिला है. यह पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला में बसा हुआ है और कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा से सटा है. आम तौर पर इसे इसके चाय बागानों, लोकप्रिय हिल स्टेशनों और हाथियों के लिए जाना जाता है. लेकिन 30 अगस्त, 2024 की सुबह वायनाड की पहचान ही बदल गई.
रात में आई आपदा
30 अगस्त की देर रात 1 बजे के आस पास मुंडक्कई में चैन से सो रहे लोगों की एक तेज आवाज से नींद खुल गई. लोगों को यह समझने में देर नहीं लगी कि भारी बारिश की वजह से जमीन खिसक रही है.
भाग कर बचने की कोशिश
लोग घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों की तरफ भागे. किसी ने किसी रिजॉर्ट में शरण ली, किसी ने चाय बागान में तो किसी ने किसी पहाड़ी पर. लेकिन किस्मत ने सबका साथ नहीं दिया.
नदी में बह गए कई लोग
सुबह के छह बजे तक मुंडक्कई, मेप्पडी और चूरलमाला में कई स्थानों पर भूस्खलन हो चुका था और कई मकान, दुकानें और गाड़ियां उसकी चपेट में आ गए. कई लोग इस इलाके से गुजरने वाली चलियार नदी में बह गए. कई गांव अलग थलग हो गए.
भारी नुकसान
मुंडक्कई को आस पड़ोस के इलाकों से जोड़ने वाला अकेला पुल भी टूट गया. कई घंटों तक बारिश होती ही रही जिसकी वजह से बचावकर्मी भी फंसे हुए लोगों तक नहीं पहुंच पाए. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मुंडाक्कई में खराब मौसम की वजह से वायु सेना के हेलिकॉप्टर तक उतर नहीं पाए.
आशंकाओं के बीच बचाव अभियान
बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की खबर है. राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ), केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सेना की कन्नूर डिफेंस सुरक्षा कोर, वायुसेना के हेलिकाप्टर और नौसेना के गोताखोर भी मिल कर तलाशी, बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं.
अभूतपूर्व त्रासदी
अभी तक उपलब्ध जानकारी के मुताबिक वायनाड में इस तरह की त्रासदी पहले कभी नहीं देखी गई. 2018 में भी जब केरल के कई इलाकों में आई भीषण बाढ़ में 450 से ज्यादा लोग मारे गए थे, उस समय भी वायनाड में ऐसी तबाही नहीं हुई थी. त्रासदी का स्तर देखते हुए राज्य सरकार ने दो दिन के शोक की घोषणा कर दी है.
कोरिकोड़ में भी भूस्खलन
बाद में वायनाड के पड़ोसी जिले कोरिकोड़ में भी भूस्खलन होने की खबर आई, जिसमें एक व्यक्ति लापता हो गया, कई मकानों को नुकसान पहुंचा और कई सड़कें और पुल बह गए.