ट्यूनीशिया के तटों पर इस साल 900 से ज्यादा आप्रवासी डूबे
२८ जुलाई २०२३ट्यूनीशिया के गृह मंत्रालय ने कहा कि 20 जुलाई तक भूमध्य सागर से 901 शव बरामद किए गए हैं. यह सभी लोग समुद्री दुर्घटना के शिकार हुए हैं. नेशनल गार्ड के प्रवक्ता हौसेम एडिन जेबबली ने पहले बताया था कि जून के अंत तक ही लगभग 800 प्रवासियों की मौत हो गई थी. करीब 34,000 से अधिक लोगों को पकड़ कर बचा लिया गया था. इनमें से लोग अधिकांश उप-सहारा अफ्रीका से थे.
ऐसी त्रासदी से भविष्य में बचने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी जारी की है. साथ ही ट्यूनीशिया में फंसे सैकड़ों प्रवासियों और उनकी सुरक्षा पर चिंता भी जताई है. ट्यूनीशिया के स्फैक्स शहर से इटली का लैंपेदूसा द्वीप केवल 130 किलोमीटर की दूरी पर है. ट्यूनीशिया की इटली से कम दूरी एक बड़ी वजह है कि यह अनियमित प्रवासियों औरशरण चाहने वालों के लिए एक गढ़बन गया है. यूरोप में एकबेहतर जिंदगी की चाह मेंसफर पर निकल जाते हैं. हालांकि जिन नावों पर वे यात्रा करते हैं, वे अक्सर खतरनाक समुद्र का सामना करने के लिए नहीं बनी होती.
हर साल जाती है सैकड़ों लोगों की जान
इस समस्या से निपटने के लिए अब तक तटरक्षक इकाइयों ने 1,300 से अधिक अभियान चलाए हैं. पिछले साल इसी अवधि में किए गए अभियानों के मुकाबले यह दोगुने से ज्यादा है. ट्यूनीशिया के गृह मंत्रालय ने यह कहा है कि इस साल मानव तस्करी में शामिल 550 से ज्यादा "तस्करों और दलालों" को गिरफ्तार किया गया है.
इटली की सरकार ने बताया कि इस साल अब तक 80,000 से अधिक लोग भूमध्य सागर पार कर उसके तटों पर आ चुके हैं. इनमें से ज्यादातर लोग ट्यूनीशिया और युद्धग्रस्त लीबिया से हैं. संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) के अनुसार मध्य भूमध्यसागर दुनिया का सबसे घातक प्रवासी मार्ग बन गया है. इसमें साल 2014 से अब तक लगभग 20,000 से अधिक लोगों की जान गई है.
ट्यूनीशिया में तनाव की वजह
ट्यूनीशिया की आबादी लगभग 1.2 करोड़ है. यह खुद गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है. प्रवासियों के मार्ग में एक अहम केंद्र बनने के कारण देश में नस्लीय तनाव और हिंसा भी बढ़ गई है. भारी महंगाई और बेरोजगारी के कारण कई ट्यूनीशियावासी अपने देश को छोड़ कर भागने की कोशिश कर रहे हैं. राष्ट्रपति कैस सैयद की भड़काऊ बयानबाजी के बाद अफ्रीकी प्रवासियों और छात्रों को जेनोफोबिक हमलों का शिकार बनाया गया है. सैयद ने आरोप लगाया है कि उप-सहारा प्रवासियों की "भीड़" अपराध का कारण बन रही है. उन्होंने यह भी कहा कि यह मुख्य रूप से अरब देश के लिए जनसांख्यिकीय खतरा पैदा कर रही है.
एचवी/एनआर (एएफपी)