तुर्की में घटिया इमारतें बनाने वाले ठेकेदारों की गिरफ्तारी
२३ फ़रवरी २०२३तुर्की के आंतरिक मामलों के मंत्री सुलेमान सोयलू के मुताबिक सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वाले बिल्डिंग कॉन्ट्रैक्टर्स को बख्शा नहीं जाएगा. प्रशासन ने अब तक 564 संदिग्धों की पहचान कर ली है. 160 ठेकेदारों को गिरफ्तार किया जा चुका है. स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी.
तुर्की में इसी साल जून-जुलाई में आम चुनाव होने हैं. भूकंप से हुई भारी तबाही के बाद लोग गुस्से में हैं और राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान दबाव में.
तुर्की के सरकारी प्रसारक टीआरटी हाबेर से बात करते हुए सोयलू ने कहा, "हमारे शहर सही जगह पर बसाए जाएंगे, हमारे बच्चे मजबूत शहरों में रहेंगे. हम जानते हैं कि हम किस तरह की परीक्षा झेल रहे हैं और हम मजबूती से इससे बाहर निकलेंगे."
तुर्की और सीरिया में छह फरवरी को दो शक्तिशाली भूकंप आए. पहला भूकंप रिक्टर स्केल पर 7.8 तीव्रता वाला था. इसके नौ घंटे बाद 7.7 तीव्रता वाला एक और बड़ा झटका आया. इन झटकों ने दक्षिण-पूर्वी तुर्की और उत्तरी सीरिया में भारी तबाही मचाई. तुर्क सरकार के मुताबिक मृतकों की संख्या 43,556 तक पहुंच चुकी है. 6,00,000 से ज्यादा अपार्टमेंटों और डेढ़ लाख कमर्शियल कॉम्प्लैक्सों को नुकसान पहुंचा है.
भूकंप में बचा लिए जाने के बाद भी क्यों होती हैं अचानक मौतें
घटिया मटीरियल और सुरक्षा मानकों से समझौता
भूकंप ने कई बहुमंजिला इमारतों को जिस तरह ढहाया, उससे विशेषज्ञ भी हैरान हैं. सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें बिना स्टील और सरिया वाले बीम कॉलम दिखाई पड़ रहे हैं. इंजीनियरों का कहना है कि कई बहुमंजिला इमारतें जिस तरह एक ही जगह पर पूरी तरह ढहीं, वैसा किसी हाल में नहीं होना चाहिए था.
तुर्क मीडिया में आए दिन ऐसे कई ठेकेदारों के इंटरव्यू छप रहे हैं, जिन्हें सुरक्षा मानकों की परवाह करने के कारण अपना कारोबार समेटना पड़ा. ऐसे ठेकेदारों का काम महंगा था और कई कंस्ट्र्क्शन कंपनियों ने उन्हें ठेका देना बंद कर दिया. ऐसी रिपोर्टों की भरमार से तुर्की की जनता सरकार से खासी नाराज है.
क्या कर रही है सरकार
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोवान ने वादा किया है कि भूकंप से उजड़ी इमारतों को साल भर के भीतर खड़ा कर दिया जाएगा. इस बीच सरकार ने देश के भूकंप प्रभावित 10 शहरों में अस्थायी आय सहायता स्कीम लागू कर दी है. कर्मचारियों को नौकरी से हटाने पर रोक लगा दी गई है. सरकार ने कारोबारियों को भी राहत पैकेज देने का एलान किया है.
तुर्की पर बना हुआ है और भी विनाशक भूकंपों का खतरा
आंतरिक मंत्री सोयलू के मुताबिक देश में छह फरवरी के बाद से अब तक भूकंप के 7,930 झटके महसूस किए जा चुके हैं. वैज्ञानिक भाषा में ताकतवर भूकंप के बाद आने वाले हल्के झटकों को ऑफर शॉक कहा जाता है. भारी नुकसान और आए दिन आ रहे झटकों के डर की वजह से 8,65,000 लोग अब भी टेंटों में रह रहे हैं. हजारों लोगों को 23,500 कंटेनर होम्स में रखा गया है.
ओएसजे/एसएम (रायटर्स, एएफपी)