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एक-दूसरे का चक्कर काटते दिखे दो सितारे

१८ दिसम्बर २०२४

वैज्ञानिकों ने पहली बार एक-दूसरे के नजदीक टिके दो सितारों को देखा है. ये सितारे आकाशगंगा के बीच में ब्लैक होल के पास चक्कर काट रहे हैं.

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मिल्की वे आकाशगंगा
मिल्की वे आकाशगंगा के केंद्र में एक विशाल ब्लैकहोल हैतस्वीर: Eso/Vvvx Survey/PA/picture alliance

वैज्ञानिकों ने हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे, के केंद्र में मौजूद विशालकाय ब्लैक होल के पास दो तारों को एक-दूसरे के चारों ओर घूमते हुए देखा है. यह खोज खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक दुर्लभ और रोचक घटना है.

माना जाता है कि हर बड़ी आकाशगंगा के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल होता है. मिल्की वे के केंद्र में स्थित ब्लैक होल, जिसे सैजिटेरियस ए कहा जाता है, हमारे सूरज से करीब 40 लाख गुना ज्यादा भारी है. यह आमतौर पर शांत रहता है और कभी-कभी इसके पास आने वाली गैस या धूल को निगलता है.

वैज्ञानिकों को पता है कि तारे ब्लैक होल के करीब बन सकते हैं और यहां तक कि उनकी परिक्रमा कर सकते हैं. लेकिन दो तारों को इतनी नजदीक एक साथ टिके हुए पहली बार देखा गया है. यह खोज मंगलवार को ‘नेचर कम्युनिकेशन्स‘ पत्रिका में प्रकाशित हुई.

दुर्लभ खगोलीय घटना 

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिलिस की खगोल वैज्ञानिक अन्ना सिउर्लो, जो इस शोध में शामिल नहीं थीं, ने इस खोज को "दिलचस्प और असामान्य" बताया. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए और शोध की जरूरत है कि ये वस्तुएं वास्तव में क्या हैं.

उन्होंने कहा, "यह खोज अभी भी कई सवालों को अनसुलझा छोड़ देती है."

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये जुड़वां तारे लगभग 27 लाख साल पुराने हैं और अभी भी युवा माने जा सकते हैं. ये तारे बिल्कुल सही दूरी पर एक-दूसरे की परिक्रमा कर रहे हैं. अगर ये ज्यादा दूर होते, तो ब्लैक होल की गुरुत्वाकर्षण शक्ति उन्हें अलग कर देती. वहीं, अगर ये और पास होते, तो आपस में मिलकर एक तारा बन जाते.

कुछ समय पहले वैज्ञानिकों ने दो तारा समूह खोजे थे, जिन्हें शिव और शक्ति नाम दिया गया था.

अस्थिर भविष्य

भले ही ये तारे फिलहाल संतुलन में हैं, लेकिन हमेशा के लिए ऐसा नहीं रहेगा. इनका भविष्य अस्थिर है और वैज्ञानिकों का मानना है कि ये अंततः एक हो सकते हैं. हालांकि, यह कब होगा, यह अभी तय नहीं है.

कोलोन विश्वविद्यालय के फ्लोरियन पाइसकर इस शोध के प्रमुख लेखक हैं. उन्होंने कहा, "हम वास्तव में एक बहुत भाग्यशाली स्थिति में हैं. हमने इस प्रणाली को सही समय पर देखा." 

कहां छुपा है सौर मंडल का नौवां ग्रह

यह खोज न केवल खगोल विज्ञान में नए सवाल खड़े करती है, बल्कि ब्लैक होल के आसपास तारे कैसे टिक सकते हैं और उनका विकास कैसे होता है, इस पर नई जानकारी भी देती है.

इस शोध से पता चलता है कि ब्लैक होल के निकट खगोलीय घटनाएं कितनी जटिल और अनोखी हो सकती है. आगे के अध्ययन इस रहस्यमय खोज पर और रोशनी डाल सकते हैं.

वीके/एए (एपी)

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