'उत्तर कोरिया ने बना डाला मिनी परमाणु हथियार'
४ अगस्त २०२०संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में लिखा है कि उत्तर कोरिया के बारे में यह सारी जानकारी एक अन्य सदस्य देश ने मुहैया कराई है. रिपोर्ट का मकसद यह निष्कर्ष निकालना था कि उत्तर कोरिया के खिलाफ लगाए गए यूएन के प्रतिबंधों का उस पर कैसा असर हो रहा है. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि उत्तर कोरिया तमाम प्रतिबंधों के बावजूद अपने परमाणु हथियार विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. वह उच्च संवर्धन वाले यूरेनियम का उत्पादन भी कर पा रहा है और एक प्रायोगिक हल्के पानी का रिएक्टर भी बना रहा है.
उत्तर कोरिया के शासक किम जॉन्ग उन की परमाणु हथियारों से जुड़ी महत्वाकांक्षाएं जगजाहिर हैं. हाल ही में किम ने अपने एक भाषण में साफ किया था कि वह अपने देश के परमाणु हथियारों को एक तरह की सुरक्षा गारंटी के रूप में देखते हैं. कोरियाई युद्ध खत्म होने की 67वीं वर्षगांठ के मौके पर पूर्व सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए किम ने कहा था, "हमारे भरोसेमंद और प्रभावी आत्मरक्षा वाले परमाणु हथियारों के चलते ही फिर से इस धरती पर युद्ध का नाम नहीं सुनाई देगा.” सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने किम के हवाले से लिखा, "इससे हमेशा के लिए हमारे देश की सुरक्षा और भविष्य की गारंटी हो जाएगी.”
कोरियाई प्रायद्वीप में जून के महीने में तनाव काफी बढ़ गया था. उत्तर कोरिया का आरोप था कि दक्षिण कोरिया की ओर से एक्टिविस्ट ऐसे पर्चे भेजते हैं जिनका मकसद उसके नागरिकों को किम के कम्युनिस्ट शासन के खिलाफ उकसाना है.
यूएन के प्रतिबंधों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र पैनल ने यह रिपोर्ट तैयार की है. कई सदस्य देशों के हवाले से इस रिपोर्ट में लिखा है कि उत्तर कोरिया के किए पिछले छह परमाणु परीक्षणों से ही उन्हें अब ऐसा मिनिएचर परमाणु हथियार बनाने में सफलता मिली है. गौरतलब है कि प्योंगयांग ने सितंबर 2017 के बाद कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है.
यूएन की यह अंतरिम रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक 15 सदस्यों वाली समिति को सौंप दी गई है, जो उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंधों पर नजर रखती है. संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के मिशन ने अब तक यूएन की इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सन 2006 से ही उत्तर कोरिया के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के खिलाफ यूएन ने कई प्रतिबंध लगाए हुए हैं. बाद के सालों में सुरक्षा परिषद ने इन पाबंदियों को और सख्त बनाया है जिससे ऐसे सभी कार्यक्रमों के लिए प्योंगयांग की फंडिंग रोकी जा सके. खुद अमेरिका राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 2018 से अब तक तीन बार किम से मिल चुके हैं लेकिन ना तो कोरिया परमाणु हथियार कार्यक्रम बंद करने को राजी हुआ और ना ही ट्रंप उसके खिलाफ लगे प्रतिबंध हटाने को. यूएन रिपोर्ट ने पाया है कि उत्तर कोरिया साफ तौर पर अपने खिलाफ लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करता आया है.
आरपी/सीके (डीपीए, रॉयटर्स)
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