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निकारागुआ जा रहे विमान में क्या कर रहे थे 300 भारतीय?

२५ दिसम्बर २०२३

बीते गुरुवार निकारागुआ जा रहे एक विमान को फ्रांस में रोक लिया गया. इस विमान में 11 बच्चों समेत कुल 303 भारतीय सवार थे. उनसे पूछताछ की गई और भारत लौटाया जा रहा है.

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वाट्री एयरपोर्ट पर लेजेंड एयरालइंस का विमान
वाट्री एयरपोर्ट पर लेजेंड एयरालइंस के विमान को रोक लिया गया.तस्वीर: Christophe Ena/AP Photo/picture alliance

फ्रांस के एक छोटे से एयरपोर्ट पर रोके गए एक विमान में सवार लगभग 300 भारतीयों की जांच की गई जिसके बाद विमान को वहां से जाने की इजाजत दे दी गई. फ्रांस के न्याय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पेरिस के पास एक हवाई अड्डे पर रोका गया यह विमान सोमवार को वहां से जा सकता है.

निकारागुआ जा रहे एयरबस ए340 विमान को पेरिस के पूर्व में 150 किलोमीटर दूर वाट्री एयरपोर्ट पर रोका गया था. यह विमान दुबई से आया था और ईंधन भरने के लिए वाट्री में रुका था. लेकिन अधिकारियों ने एक "अनजान व्यक्ति द्वारा दी गई सूचना के बाद” इसे रोक लिया क्योंकि उन्हें संदेह था कि यह "मानव तस्करी" का मामला हो सकता है.

दो दिन तक इस विमान में सवार लोगों से न्याय विभाग द्वारा पूछताछ की गई. उसके बाद रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि विमान को वहां से जाने की इजाजत दे दी गई है. हालांकि बयान में अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि विमान की अगली मंजिल क्या होगी लेकिन स्थानीय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष फ्रांस्वा प्रोक्योरियोस ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यात्री भारत जा रहे हैं.

कहां से आया विमान?

इस जांच के बारे में जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि विमान में सवार लोग संभवतया संयुक्त अरब अमीरात में काम करने वाले लोग थे जिन्हें निकारागुआ ले जाया जा रहा था और शायद निकारागुआ से इन लोगों को अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा ले जाया जाना था

यह विमान रोमानिया की एक निजी कंपनी लेजेंड एयरलाइंस का था. जांच के दौरान यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही रोक कर रखा गया. वहां उनके रहने का अस्थायी प्रबंध किया गया. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि लोगों को अस्थायी बिस्तर, शौचालय और नहाने के लिए पानी उपलब्ध कराया गया. इस दौरान पत्रकारों और बाहरी लोगों को उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी गई.

सबसे कम उम्र का यात्री 21 महीने का बच्चा था जबकि इन यात्रियों में 11 अवयस्क भी थे, जो बिना किसी वयस्क के यात्रा कर रहे थे. शुक्रवार को दो यात्रियों को हिरासत में लिया गया था ताकि इस बात की पुष्टि की जा सके कि "उनकी भूमिका विमान में सवार अन्य यात्रियों अलग तो नहीं थी और वे किन हालात में वह किस मकसद से यात्रा कर रहे थे.”

एक सूत्र ने बताया कि 12 यात्रियों ने फ्रांस में शरण मांगी थी. पेरिस स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया साइट एक्स के खाते से बयान जारी किया था कि दूतावास के अधिकारी उस जगह पर पहुंच गए और हिरासत में लिए गए यात्रियों के "भले के लिए” व "समस्या का जल्द हल निकालने के लिए” फ्रांसीसी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे थे.

अवैध रूप से घुसते भारतीय

विमान में 30 सदस्यों वाला चालक दल भी था जिसे हिरासत में लिया गया. इनमें से कुछ दुबई-वाट्री मार्ग पर आने जाने वाले विमानों में काम करते हैं जबकि अन्य निकारागुआ के मनागुआ जाने वाले थे. विमानों की आवाजाही पर नजर रखने वाली संस्था फ्लाइटरेडार24 के मुताबिक लेजेंड एयरलाइंस के पास मात्र 4 विमान हैं.

इससे पहले फ्रांस्वा प्रोक्योरियोर ने स्थानीय टीवी चैनल बीएफएम से कहा, "मुझे नहीं पता कि फ्रांस में पहले कभी भी ऐसा हुआ है. हम विदेशियों को 96 घंटे तक वेटिंग एरिया में नहीं रख सकते.”

हाल के सालों में भारतीयों के अवैध रूप से अमेरिका जाने के मामलों में बहुत ज्यादा वृद्धिहुई है. ऐसे अधिकतर लोग मेक्सिको से होते हुए अमेरिका में घुसते हैं. अमेरिकी सरकार ने निकारागुआ को उन देशों की सूची में रखा है जहां मानव तस्करी को रोकने के लिए समुचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.

2022 में मेक्सिको के रास्ते अमेरिका में घुसने वाले भारतीयों की संख्या करीब 3,000 रही थी जबकि मेक्सिकन इमिग्रेशन एजेंसी के मुताबिक इस साल जनवरी से नवंबर के बीच ही 11,000 से ज्यादा भारतीय इस रास्ते से अमेरिका जा चुके हैं. इस साल 30 नवंबर तक मेक्सिको से अमेरिका में अवैध रूप से घुसते 41,770 भारतीय गिरफ्तार किए गए जबकि पिछले साल यह संख्या 18,308 थी.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी, एपी)