पुराने और जर्जर हो चुके घरों को बेकार समझकर ढहा दिया जाता है और फिर नए संसाधनों से नई इमारतें बनती हैं. कई आर्किटेक्ट्स के लिए ढहाई गई इमारतें कीमती कच्चे माल का ढेर हैं. वो ऐसा सिस्टम विकसित कर रहे हैं, जिसकी मदद से ढहाई गई इमारतों से निकली तमाम चीजें पूरी तरह रीसाइकिल की जा सकेंगी. उनका कहना है कि कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में ऐसी क्रांतियों के बिना जलवायु परिवर्तन से नहीं लड़ा जा सकता.