अमेरिका में सिगरेट पीने वाले इतने कम कभी ना थे
२ मई २०२३अमेरिका में सिगरेट पीने वालों की संख्या पिछले साल रिकॉर्ड स्तर पर नीचे गई है. हर 9 में से एक वयस्क का कहना है कि वह कुछ दिन पहले तक सीगरेट पीता था. इसी बीच इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पीने वालों की संख्या बढ़ गई है. हरेक 17 में से एक ने ई सिगरेट पीने की बात स्वीकार की है. सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंट प्रिवेंशन के जुटाये शुरुआती आंकड़ों से ये बात सामने आई है. इस सर्वे में 27,000 वयस्कों ने हिस्सा लिया.
सिगरेट पीने से फेफेड़े के कैंसर, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा रहता है. लंबे समय से इसे ऐसी मौत के लिए जिम्मेदार माना जाता है, जिसे रोका जा सकता है. बीते कई दशकों से सिगरेट पीने वालों की संख्या घटती जा रही है. इसके लिए सिगरेट पर टैक्स, तंबाकू की कीमत बढ़ने और धूम्रपान पर प्रतिबंधों और सार्वजनिक जगहों पर सिगरेट पीने की रोक को स्वीकार्यता मिलने को जिम्मेदार माना जाता है.
न्यूजीलैंडः 2008 के बाद पैदा हुए लोग नहीं पी पायेंगे सिगरेट
1960 के दशक में अमेरिका के 42 प्रतिशत वयस्क सिगरेट पीते थे. पिछले साल सिगरेट पीने वालों की संख्या घट कर 11 प्रतिशत पर चली आई. इससे पहले 2020 और 2021 में यह 12.5 प्रतिशत थी. सीडीसी के मुताबिक 2020 में अमेरिका के 3.08 करोड़ लोग सिगरेट पी रहे थे. पुरुषों में यह दर 14.1 फीसदी थी और महिलाओं में 11 फीसदी. सर्वेक्षणों के नतीजे कई बार थोड़े बहुत बदलते हैं और उम्मीद की जा रही है कि सीडीसी जल्दी ही अंतिम आंकड़े जारी करेगा.
ई-सिगरेट का इस्तेमाल बढ़ा
इस बीच ई-सिगरेट की इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ गई है. एक साल पहले 4.5 प्रतिशत वयस्क इसका इस्तेमाल कर रहे थे जो अब 6 फीसदी हो गये हैं. ई-सिगरेट का इस्तेमाल बढ़ने से चिंता बढ़ी है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक निकोटिन की आदत के भी सेहत पर कई बुरे प्रभाव हैं. इसमें ब्लेड प्रेशर का बढ़ना और धमनियों का पतला हो जाना भी शामिल है.
कोलोराडो स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन डॉन जोनाथन सामेट का कहना है, "मेरे ख्याल धूम्रपान का नीचे जाना जारी रहेगा, लेकिन निकोटिन की आदत घटेगी, खासतौर से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को देखते हुए, यह साफ नहीं है." सामेट यूएस सर्जन जनरल रिपोर्ट ऑन स्मोकिंग एंड हेल्थ के लिए लगभग चार दशकों से लिखते आ रहे हैं.
अमेरिका के किशोर बच्चों में धूम्रपान और ई-सिगरेट का इस्तेमाल यानी वेपिंग की दर वयस्कों की तुलना में उल्टी है. हाई स्कूल के केवल 2 फीसदी छात्र पारंपरिक सिगरेट पीते हैं, जबकि ई सिगरेट का इस्तेमाल करने वाले छात्र 14 फीसदी हैं.
वेपिंग के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की मुहिम
बीते सालों में ई सिगरेट का चलन बढ़ रहा है, खासतौर से युवाओं में. इसे देखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने इसके खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है, जिसे बीते कई दशकों में देश का सबसे बड़ा धूम्रपान विरोधी सुधार कहा जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने एक बार इस्तेमाल होने वाले वेप पर पूरी तह से रोक लगाने का फैसला किया है. बिना डॉक्टर की पर्ची के मिलने वाले सारे वेप का आयात पूरी तरह से बंद किया जा रहा है. इसके साथ ही ई सिगरेट में कितनी निकोटिन हो सकती है, इसकी भी सीमा तय की जा रही है.
ऑस्ट्रेलिया ने पहले भी धूम्रपान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाये हैं. इसी तरह का एक कदम 2012 में सिगरेट को सादे पैकेटों में बेचने का भी था. बाद में इसे फ्रांस, ब्रिटेन और कई दूसरे देशों ने भी लागू किया. हालांकि बीते कुछ सालों में रिक्रिएशनल वेपिंग विस्फोटक अंदाज में बढ़ रही है. खासतौर से किशोर इसके लती बन रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री मार्क बटलर का कहना है, "वेपिंग हाईस्कूलों में लत से जुड़ा सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है. यह प्राइमरी स्कूलों में भी फैल रहा है."
लोगों को वेपिंग का इस्तेमाल करने से रोका तो नहीं जायेगा, लेकिन इसके लिए उन्हें डॉक्टर से पर्चा लिखवाना होगा. इसके जरिये यह तय करने की कोशिश की है कि लोग सिर्फ सिगरेट छोड़ने के लिए ही वेपिंग का इस्तेमाल करें. बटलर ने अगले तीन सालों तक हर साल सिगरेट पर पांच फीसदी टैक्स बढ़ाने की भी घोषणा की है. ऑस्ट्रेलिया में सिगरेट की कीमत पहले ही दुनिया में सबसे ज्यादा है. 25 सिगरेट वाले एक पैकेट की कीमत यहां फिलहाल 33 अमेरिकी डॉलर है. टैक्स बढ़ने के बाद यह और महंगी होगी.
एनआर/एसएम (एपी, एएफपी)