अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में भारत की आलोचना की
२७ जून २०२४अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाने वाली भाषा बढ़ रही है. रिपोर्ट के मुताबिक अल्पसंख्यकों के घरों और उनके पूजा स्थलों को तोड़ने की घटनाएं बढ़ी हैं.
अमेरिका ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2023 जारी की. रिपोर्ट में अमेरिका ने अपने करीबी सहयोगी भारत की आलोचना करते हुए कहा है कि भारत में अल्पसंख्यकों के प्रति पूर्वाग्रह बढ़ गया है.
धार्मिक स्वतंत्रता पर नजर रखने वाले अमेरिका के कई संगठन पिछले कई सालों से लगातार भारत को इस सूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. अमेरिकी प्रशासन इसे टालता रहा, लेकिन आखिरकार इस बार वॉशिंगटन ने भी अपनी रिपोर्ट में भारत की आलोचना की.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका द्वारा भारत की आलोचना आमतौर पर घनिष्ठ आर्थिक संबंधों और चीन का मुकाबला करने के लिए वॉशिंगटन के लिए दिल्ली के महत्व के कारण संयमित रही है.
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अमेरिका ने भारत के बारे में क्या कहा?
अमेरिकी विदेश विभाग ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले साल भर में वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी अपने भारतीय समकक्षों के साथ "धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दों पर चिंता व्यक्त करते रहे हैं."
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकेन ने वार्षिक रिपोर्ट के जारी होते समय कहा, "भारत में हम धर्मांतरण विरोधी कानून, अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण, उनके घरों और अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के पूजा स्थलों के विध्वंस में चिंताजनक वृद्धि देख रहे हैं."
मानवाधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी के शासन में अल्पसंख्यकों पर हमलों में वृद्धि देखी गई है.
रिपोर्ट में किन घटनाओं का जिक्र है?
अमेरिकी रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों के साथ दर्जनों ऐसी घटनाओं का जिक्र है, जिनमें उन्हें खास तौर पर निशाना बनाया गया. उनमें से एक वह घटना है जिसमें एक रेलवे सुरक्षा अधिकारी ने मुंबई के पास एक ट्रेन में तीन निर्दोष मुस्लिम यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मामले की अभी भी जांच चल रही है और हमले का कथित आरोपी जेल में है.
रिपोर्ट में मुसलमानों के खिलाफ हमलों के कई उदाहरण दिए गए हैं और जिसमें आरोप लगाया गया है कि मुस्लिम पुरुष गायों के वध या गोमांस के व्यापार में शामिल रहे हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक वॉशिंगटन में भारतीय दूतावास ने रिपोर्ट पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की है. भारत सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव से इनकार करती आई है. भारत सरकार का कहना है कि खाद्य सब्सिडी योजनाओं और बिजली आपूर्ति जैसी उनकी कल्याणकारी नीतियों से सभी भारतीय नागरिकों को लाभ होता है.
मणिपुर में जातीय हिंसा
मानवाधिकार कार्यकर्ता इसका विरोध करते हैं. रिपोर्ट में मुस्लिम विरोधी भाषण, कश्मीर के मुस्लिम-बहुल क्षेत्र के विशेष दर्जे की समाप्ति, नए नागरिकता कानून (जिसे संयुक्त राष्ट्र ने भी "मौलिक रूप से भेदभावपूर्ण" बताया है) और अवैध निर्माण को हटाने के नाम पर मुसलमानों की संपत्तियों को ध्वस्त करने का हवाला दिया गया है.
अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हुई हिंसा का भी जिक्र है. राज्य में जातीय हिंसा पिछले साल मई में अल्पसंख्यक ईसाई कुकी और बहुसंख्यक मैतई समूहों के बीच शुरू हुई थी.
मणिपुर में कई हिंदू और ईसाई पूजा स्थल पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए. रिपोर्ट में स्थानीय आदिवासी नेताओं के एक फोरम का हवाला देते हुए कहा गया है कि उनके 250 से अधिक चर्च जला दिए गए, 200 से अधिक लोग मारे गए और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए.
एए/सीके (रॉयटर्स)