1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सरकारों को भिड़ा कर राज कर रही हैं बड़ी कंपनियां

वीके/एमजे (रॉयटर्स)३१ अगस्त २०१६

एप्पल को आयरलैंड में बचाए 13 अरब डॉलर के टैक्स की पाई-पाई चुकानी होगी. इससे पता चलता है कि कंपनियां क्या कर रही हैं. एप्पल ऐसा करने वाली अकेली कंपनी नहीं है.

https://p.dw.com/p/1Jsyv
Apple IOS Sicherheitslücke
तस्वीर: Getty Images/S. Gallup

विशालकाय टेक कंपनी एप्पल पर आयरलैंड में लगे अरबों डॉलर के जुर्माने ने दुनियाभर में हड़कंप मचा दिया है. अमेरिका ने तो यहां तक कह दिया है कि इससे संबंध तक खराब हो सकते हैं. लेकिन यूरोपीय संघ का कहना है कि ऐसा करने के लिए दिशा तो अमेरिका ने ही दिखाई थी.

एप्पल को आयरलैंड में बचाया गया टैक्स चुकाने का आदेश दिया गया है. इस पूरे विवाद की शुरुआत अमेरिका में 2013 में हुई थी जब अमेरिकी सीनेट ने मई में रिपोर्ट दी कि आयरलैंड की सरकार से एप्पल का समझौता इस तरह का है कि कंपनी की कमाई का बड़ा हिस्सा कर से बच जाएगा. रिपोर्ट आने पर यूरोपीय संघ ने अपने देशों में इस मामले में जांच शुरू कर दी. और मंगलवार को कंपनी को आदेश हुआ कि आयरलैंड को 13 अरब डॉलर टैक्स चुकाए. कंपनी ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी. अमेरिकी वित्त मंत्रालय का कहना है कि इस फैसले से यूरोपीय संघ और अमेरिका के आर्थिक रिश्ते खतरे में पड़ जाएंगे. अमेरिका की सत्ताधारी डेमोक्रैटिक पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने कहा, “यूरोपीय संघ ने पैसा हड़पने का बहुत सस्ता तरीका अपनाया है.”

देखिए, ये हैं सबसे महंगे 10 ब्रैंड्स

हालांकि तीन साल पहले सीनेट की रिपोर्ट लिखने वाले कार्ल लेविन भी डेमोक्रैट सांसद ही हैं. उन्होंने कहा है कि यूरोपीय अधिकारी वही कर रहे हैं जो अमेरिकी अधिकारी नहीं कर पाए. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, “आईआरएस अमेरिका के कर के दावे को हासिल करने में नाकाम रहा इसलिए यूरोपीय संघ उस खाली जगह को भर रहा है. अमेरिकी करों की चोरी करने के लिए एप्पल को शर्म आनी चाहिए. आईआरएस को ऐसा ना करवा पाने के लिए शर्म आनी चाहिए.”

विभिन्न देशों के राजनेताओं के बीच इस तरह कीचड़ उछालने की यह घटना क्या दिखाती है? जर्मनी में आर्थिक मामलों के प्रमुख थिंक टैंक डीआईडब्ल्यू बर्लिन के प्रमुख मार्सेल फ्रात्शर कहते हैं कि इससे पता चलता है कि निवेश के लिए देशों के बीच जो प्रतिस्पर्धा है, बहुराष्ट्रीय कंपनियां कैसे उसका फायदा उठा रही हैं. उन्होंने कहा, “कंपनियां देशों की सरकारों को एक दूसरे से भिड़ा रही हैं.”

जानिए, कैसे पड़े कंपनियों के नाम

एप्पल के खिलाफ आया यह फैसला उसके लिए और देशों में भी मुश्किलें बढ़ा सकता है. यूरोपीय संघ ने अपने फैसले में कहा है कि अमेरिका और बाकी देश भी अपने बचे हुए टैक्स पर दावा करने के लिए आ सकते हैं.

एप्पल इस तरह टैक्स का गोलमाल करने वाली अकेली कंपनी नहीं है. स्टारबक्स को भी नीदरलैंड्स में टैक्स चुकाने का आदेश हो चुका है. अमेजॉन और मैक्डॉनल्ड्स के खिलाफ जांच चल रही है. गूगल के खिलाफ भी यूरोपीय संघ आरोप लगा चुका है कि उसने बाजार में अपनी ताकतवर स्थिति का गलत इस्तेमाल किया है. गूगल पर यूरोपीय संघ के आरोपों के बाद तो अमेरिका सरकार ने यहां तक कह दिया था कि यूरोप अमेरिकी सफलता से चिढ़ रहा है.

प्रतिस्पर्धा मामलों के वकील पिएर सबादीन कहते हैं कि जब जांच के घेरे में आई कंपनियां एप्पल जैसी विशाल हों तो उन्हें राजनीतिक समर्थन मिल ही जाता है.

देखिए, ऐसा होगा हमारा गूगल फ्यूचर