बाल दिवस पर बच्चों को बताएं उनके अधिकार
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को बच्चे बेहद प्रिय थे. इसलिए हर साल 14 नवंबर को उनकी जयंती के मौके पर बाल दिवस मनाया जाता है.
क्या होते हैं बाल अधिकार?
व्यस्क होने से पहले सभी मनुष्यों को बच्चा माना जाता है. उन्हें मिलने वाले अधिकारों को बाल अधिकार कहते हैं. भारत में बच्चों के लिए कई संवैधानिक प्रावधान भी हैं, जिनके तहत उन्हें विशेष अधिकार दिए जाते हैं.
बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार
भारत में साल 2010 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ था. इसके तहत, छह से 14 साल तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा पाने का मौलिक अधिकार है. इसमें सरकार की जिम्मेदारी भी तय की गई है.
खतरनाक रोजगारों से सुरक्षा का अधिकार
संविधान के अनुच्छेद 24 के अनुसार, 14 साल से कम उम्र के बच्चों से कारखानों या खदानों में काम नहीं करवाया जा सकता. साथ ही उन्हें किसी अन्य खतरनाक रोजगार में भी नहीं लगाया जा सकता.
दुरुपयोग से सुरक्षा का अधिकार
अनुच्छेद 39(ई) के तहत बच्चों को दुरुपयोग से सुरक्षा का अधिकार है. बच्चों को यह संरक्षण भी दिया जाता है कि उन्हें आर्थिक मजबूरियों की वजह से ऐसे रोजगारों में ना जाना पड़े जो उनकी उम्र या ताकत के अनुकूल नहीं हैं.
बच्चों से भीख मंगवाना भी अपराध
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत, बच्चों से भीख मंगवाना या भीख मांगने के लिए उनका इस्तेमाल करना अपराध है. ऐसा करने वाले को पांच साल तक की जेल हो सकती है और एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
बच्चों को मिलते हैं सभी मौलिक अधिकार
भारत में नागरिकों को मिलने वाले सभी मौलिक अधिकार बच्चों को भी मिलते हैं. इनमें समानता का अधिकार, भेदभाव के खिलाफ अधिकार, व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार और शोषण से सुरक्षा का अधिकार शामिल है.
संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौता
संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौता एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचा है. इसे नवंबर 1989 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया था. सितंबर 1990 में यह लागू हुआ था. भारत ने 1992 में इस समझौते को स्वीकार किया था.
बाल अधिकार समझौते के प्रमुख अधिकार
इस समझौते में कुल 54 अनुच्छेद हैं. इनमें बच्चों के जीवन के हर पहलू से जुड़े बुनियादी अधिकारों के बारे में बताया गया है. जैसे- निजता का अधिकार, विचार प्रकट करने का अधिकार और उचित एवं पर्याप्त देखभाल का अधिकार.
चार भागों में बांटे गए अधिकार
इन अधिकारों को मुख्य तौर पर चार भागों में बांटा गया है. पहला- जीवित रहने का अधिकार, दूसरा- विकास का अधिकार, तीसरा- सुरक्षा का अधिकार और चौथा- भागीदारी करने का अधिकार.
कहां कर सकते हैं शिकायत
भारत में बच्चे कोई समस्या होने पर सरकारी हेल्पलाइन नंबर 1098 पर संपर्क कर सकते हैं. बाल अधिकारों के उल्लंघनों से जुड़ी शिकायतें राष्ट्रीय बाल आयोग की वेबसाइट ncpcr.gov.in/ebaalnidan/ पर की जा सकती हैं.