चुनावी बॉन्ड से किस पार्टी को मिला कितना चंदा
चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले में राजनीतिक पार्टियों की कमाई को लेकर कई रोचक तथ्य सामने आए. जानिए किस पार्टी को कितना चंदा मिला और कैसे मिला.
करीब 9,000 करोड़
सुप्रीम कोर्ट से मिले डाटा के मुताबिक 2017-18 से 2022-23 तक अलग अलग राजनीतिक पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कुल मिलाकर 8,970.3765 करोड़ रुपयों का चंदा मिला.
16,000 करोड़ से ज्यादा
इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाने वाली गैर सरकारी संस्था एडीआर के मुताबिक एसबीआई से आरटीआई के जरिए हासिल किया गया डाटा दिखाता है कि मार्च, 2018 से जनवरी, 2024 के बीच 16,518.1099 करोड़ रुपयों के मूल्य के चुनावी बॉन्ड खरीदे गए.
बीजेपी सबसे आगे
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक 8,970 करोड़ में से अकेले बीजेपी को 6,566.1249 करोड़ रुपए चंदा मिला. यह कुल धनराशि का करीब 73 प्रतिशत है.
कांग्रेस अगले नंबर पर
कांग्रेस को 8,970 करोड़ में से 1,123.3155 रुपए चंदा मिला. यह कुल धनराशि का करीब 12 प्रतिशत है.
तृणमूल को भी लाभ
सुप्रीम कोर्ट के डाटा के मुताबिक ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को 8,970 रुपयों में से 1,092.988 करोड़ रुपए मिले. बीजेडी को 774, डीएमके को 616.5, टीआरएस को 383.653, वाईएसआर कांग्रेस को 382.44, टीडीपी को 146, शिवसेना को 101.38 और 'आप' को 94.285 करोड़ रुपए मिले.
सीपीएम ने नहीं लिया चंदा
सीपीएम ऐसी एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी रही जिसने चुनावी बॉन्ड से चंदा नहीं लिया.
सत्ताधारी पार्टियों को गया ज्यादा चंदा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा कि डाटा साफ दिखा रहा है कि इन बॉन्ड के जरिए अधिकांश चंदा उन्हीं पार्टियों को गया है जो केंद्र में और राज्यों में सत्ता में हैं.
कॉर्पोरेट घरानों ने ज्यादा किया इस्तेमाल
डाटा ने यह भी दिखाया कि एक करोड़ मूल्य के बॉन्ड सबसे ज्यादा बिके. कुल बिके बॉन्ड में एक करोड़ मूल्य के बॉन्ड की संख्या में 54 प्रतिशत और मूल्य में 94 प्रतिशत हिस्सा था. न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि इस गुमनाम चंदे के पीछे कॉर्पोरेट घरानों का बड़ा हाथ है.
कॉर्पोरेट घरानों की पसंद
एडीआर ने अदालत को बताया कि कॉर्पोरेट घरानों से मिले चंदे में भी बीजेपी ही सबसे आगे है. अकेले 2022-23 में ही बीजेपी को कॉर्पोरेट घरानों से 1,294.1499 करोड़ रुपए मिले. इसके मुकाबले कांग्रेस को 171.0200 करोड़ रुपए मिले.