दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के खिलाफ कब क्या किया जाता है
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए हर साल ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरपी) के तहत कई कदम उठाए जाते हैं. जानिए जीआरएपी के तहत कब क्या कदम उठाए जाते हैं.
ग्रैप के चार चरण
वायु गुणवत्ता आयोग द्वारा जारी किए गए ग्रैप को 2021 के बाद से चार चरणों में लागू किया जाता है. पहला चरण तब लागू किया जाता है जब वायु गुणवत्ता 201 से 300 के बीच हो, दूसरे, तीसरे और चौथे चरण को वायु गुणवत्ता के तय मानकों तक पहुंचने के तीन दिन पहले लागू किया जाता है. दूसरे चरण के लिए वायु गुणवत्ता का स्तर 301 से 400 होना चाहिए, तीसरे के लिए 401-450 और चौथे के लिए 450 से ऊपर.
पहला चरण
पहले चरण के तहत 24 अलग अलग कदम उठाए जाते हैं. इनमें शामिल हैं- निर्माण परियोजनाओं पर सीमित बैन, मशीन से सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव, निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल, कचरे और बायोमास को खुले में जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध आदि.
दूसरा चरण
दूसरे चरण के कदमों में शामिल हैं - पहले चरण के सभी कदमों के अलावा होटलों आदि में कोयले और लकड़ी को जलाने पर बैन, सिर्फ आवश्यक और आपात सेवाओं के लिए डीजल जनरेटर का प्रयोग, निजी यातायात के लिए लोगों को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क में वृद्धि आदि.
तीसरा चरण
तीसरे चरण के कदमों में शामिल हैं - पिछले चरणों के सभी कदमों के अलावा पूरे एनसीआर में कुछ आवश्यक क्षेत्रों के अलावा पूरी तरह से निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध, ईंधन के हिसाब से फैक्टरियों पर सीमित प्रतिबंध, खनन गतिविधियों पर बैन आदि.
चौथा चरण
चौथे चरण के कदमों में शामिल हैं - पिछले चरणों के सभी कदमों के अलावा आवश्यक क्षेत्रों के लिए और सीएनजी से चलने वाले ट्रकों के अलावा सभी ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध, बीएस छह उत्सर्जन मानक पूरे करने वाले वाहनों को छोड़ कर सभी तरह के चौपहिया वाहनों पर प्रतिबंध, बिना स्वीकृति प्राप्त ईंधनों पर चलने वाले सभी उद्योगों पर बैन आदि.
जनता के लिए अपील
इन सभी चरणों के उपायों में सरकारी विभागों के लिए अनिवार्य कदमों के साथ साथ आम लोगों के लिए कुछ सुझाव भी हैं, जैसे अपने वाहनों के इंजनों और पहियों में हवा के दबाव को ठीक रखना, लाल बत्ती पर इंजन बंद कर देना, खुले में कचरा न फेंकना, सार्वजनिक यातायात का ज्यादा इस्तेमाल करना, कोयले और लकड़ी को न जलाना और चौथे चरण तक पहुंचते पहुंचते जितना हो सके घर में रहना.