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क्यों जूलियान असांज के पीछे पड़ा है अमेरिका?

४ जनवरी २०२१

जूलियान असांज मामले में ब्रिटेन में जज ने अमेरिका की प्रत्यर्पण की मांग ठुकरा दी. जज ने कहा, असांज की मानसिक स्थिति को देखते हुए इसे "उत्पीड़न" माना जाएगा.

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Großbritannien London | Gericht Old Bailey | Prozess Julian Assange | Protest
तस्वीर: Reuters/P. Nicholls

अमेरिका ने ब्रिटेन से मांग की थी कि असांज को अमेरिका के हवाले किया जाए, ताकि वहां उन पर मुकदमा चल सके. दोषी साबित होने पर असांज को अमेरिका में 175 साल तक की सजा हो सकती है. लेकिन ब्रिटिश जज ने इस मांग के खिलाफ फैसला देते हुए कहा है कि असांज की मानसिक स्थिति देखते हुए ऐसा करना उनका उत्पीड़न करना होगा. उन्होंने कहा, "अमेरिका ने कार्यवाई की जो प्रक्रिया बताई है, उसे देखते हुए मुझे यकीन है कि मिस्टर असांज को आत्महत्या की कोशिश से नहीं रोका जा सकेगा और इस वजह से मैंने फैसला किया है कि मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह उत्पीड़न होगा."

Großbritannien London | Gericht Old Bailey | Prozess Julian Assange | Zeichnung
ब्रिटिश अदालत में सुनवाई के दौरान असांज का चित्र तस्वीर: Reuters/Julia Quenzler

यूं हुई विकीलीक्स की शुरुआत

विकीलीक्स नाम से वेबसाइट 2006 में रजिस्टर की गई थी लेकिन इस पर काम 2007 में शुरू हुआ. इसके संस्थापक जूलियान असांज का दावा था कि वे सेंसरशिप के खिलाफ काम कर रहे हैं और अपने सूत्रों को सुरक्षित रखते हुए वे सरकारों की गुप्त जानकारियों को जनता के सामने लेकर आएंगे. अमेरिकी जेल ग्वांतानामो बे से जुड़े दस्तावेज लीक करके असांज दुनिया की नजरों में आए. लेकिन 2010 में उन्होंने तहलका मचा दिया जब दुनिया भर के अखबारों के साथ मिल कर उन्होंने सरकारों और नेताओं से जुड़ी गुप्त जानकारी सार्वजनिक की.

विकीलीक्स ने द न्यूयॉर्क टाइम्स, द गार्डियन, डेय श्पीगल, ले मोंडे और एल पाएस जैसे अखबारों के साथ मिलकर काम किया और एक करोड़ से ज्यादा दस्तावेज लीक किए. इनमें अमेरिका से लेकर यूरोप, चीन, अफ्रीका और मध्य पूर्व तक की सरकारों से जुड़े डॉक्यूमेंट शामिल थे. लेकिन वक्त के साथ साथ विकीलीक्स ने अपना सारा ध्यान अमेरिका पर केंद्रित कर दिया. इस वजह से अमेरिका असांज पर रूस के साथ मिले होने का आरोप लगाने लगा लेकिन जूलियान असांज ने हमेशा इससे इनकार किया.

जुलाई 2016 में विकीलीक्स ने ऐसे कई ईमेल लीक किए जो दिखाते थे कि अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर बर्नी सैंडर्स की जगह हिलेरी क्लिंटन को तवज्जो दे रही थी. इसके बाद पार्टी के कई वरिष्ठ सदस्यों को इस्तीफा भी देना पड़ा था.

जूलियान असांज: हीरो या विलन?

पिछले एक दशक में विकीलीक्स कई विवादों में घिरा रहा लेकिन इसका सबसे बड़ा विवाद खुद असांज के इर्दगिर्द ही रहा. असांज पर एक के बाद एक बलात्कार और उत्पीड़न के मामले दर्ज होने लगे. असांज के समर्थकों ने इसे उन्हें फंसाए जाने की साजिश बताया, तो आलोचकों ने उन्हें अपने फायदे के लिए हेरफेर करने वाला व्यक्ति कहा. इन मामलों के चलते कहीं उन्हें अपने देश स्वीडन ना भेज दिया जाए, इस डर से वह 2012 से 2019 तक लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में रहे. वैसे मई 2017 में ही स्वीडन ने उनके खिलाफ जांच बंद कर दी थी लेकिन असांज ने दूतावास में शरण जारी रखी. 2019 में जब इक्वाडोर में सरकार बदली तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. तब से वह ब्रिटेन की उच्च सुरक्षा वाली बेलमार्श जेल में हैं. 2020 में इस जेल में कोरोना के कुछ मामले भी सामने आए थे.

यहां असांज को बिलकुल अकेले रखा गया है जिस कारण उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ती बताई जा रही है. उनके दोस्तों का कहना है कि वह अपनी जान लेने की कोशिश भी कर चुके हैं. ब्रिटिश जज ने भी इसी बात का हवाला देते हुए असांज को अमेरिका के हवाले ना करने का फैसला सुनाया है.

आईबी/एके (एपी, रॉयटर्स)

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