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इस्राएल पर हमला करने वाला हमास क्या है?

१० अक्टूबर २०२३

फलस्तीनी इस्लामी गुट हमास ने इस्राएल पर कई दशकों में सबसे बड़ा हमला कर दुनिया को चौंका दिया है. आखिर हमास है क्या और इसका लक्ष्य क्या है?

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हमास की राजनीतिक शाखा गाजा का प्रशासन संभालती है
गाजा में हमास का विरोध प्रदर्शनतस्वीर: Mohammed Talatene/dpa/picture alliance

हमास एक फलस्तीनी इस्लामी आतंकवादी गुट है जिसकी राजनीतिक और सशस्त्र शाखाएं हैं. यह इस्राएल को देश के रूप में मान्यता नहीं देता और इसके बयानों के मुताबिक इस्राएल को तबाह करना चाहता है. जर्मनी, यूरोपीय संघ, अमेरिका और कुछ अरब देशों ने हमास को एक आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है.

हमास का गठन 1980 के दशक के आखिरी सालों में पूर्व फलस्तीनी नेशनल अथॉरिटी के राष्ट्रपति यासिर अराफात के फलस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) के विरोध में हुआ था.

हमास कई सैन्य गुटों से मिल कर बना है. इसमें इस्राएल के खिलाफ हाल के वर्षों में कई हमलों और आत्मघाती बम धमाके करने वाला कासिम ब्रिगेड भी शामिल है. इस संगठन का एक राजनीतिक दल भी है और कई सहायता संगठन हैं.

घातक दूसरा इंतिफादा

इस्राएल और पीएलओने 1993 में ओस्लो शांति प्रक्रिया शुरू की, इसके तहत दोनों ने एक दूसरे को मान्यता दी. हालांकि हमास इस ऐतिहासिक समझौते को नहीं मानता और इस्राएली क्षेत्र में आतंकवादी हमले करता है. 

गाजा पट्टी में हमास का प्रशासन है
गाजा में हमास का विरोध प्रदर्शनतस्वीर: Mohammed Talatene/dpa/picture alliance

2000-2005 तक चले दूसरे इंतिफादा के दौरान फलस्तीनी चरमपंथी गुटों ने इस्राएल के आम नागरिकों पर कई हमले किए. इन गुटों में हमास, इस्लामिक जिहाद और फतह मूवमेंट का अल अक्सा ब्रिगेड भी शामिल था.

इस्राएल की सेना फलस्तीनी शहरों में घुस गई. इनमें वो इलाके भी शामिल थे जिन्हें ओस्लो समझौते के तहत स्वायत्त घोषित किया गया था. इममें रमल्ला भी शामिल था. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक सिंतबर 2000 से जुलाई 2007 के बीच 4,228 फलस्तीनी, 1,024 इस्राएली और 63 विदेशी नागरिकों की मौत हुई. 

2007: हमास के हाथ में गजा का नियंत्रण

2006 में फलस्तीनी संसद के चुनाव में हमास से जुड़ी पार्टी विजेता बन कर उभरी. 2007 में हमास ने फतह मूवमेंट के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ने के बाद गजा पर नियंत्रण कर लिया. फतह मूवमेंट एक राष्ट्रवादी और सामाजिक लोकतांत्रिक पार्टी है और उन दलों में शामिल है जिनसे मिल कर पीएलओ बना है.

फलस्तीन में राजनीतिक रूप से इस आंतरिक विभाजन के बाद हमास का नियंत्रण गजा पर हो गया जबकि फलस्तीनी अथॉरिटी में फतह पार्टी का दबदबा है. यह पश्चिमी तट के आंशिक रूप से स्वायत्त इलाकों का प्रशासन संभालती है.

इस्राएल ने इसके बाद गजा को "दुश्मन क्षेत्र" घोषित कर दिया और इसकी विस्तृत नाकेबंदी कर दी. इस नाकेबंदी में मिस्र भी शामिल हो गया जो दक्षिणपश्चिमी सीमा पर मौजूद है. इस्राएल और कुछ हद तक मिस्र फलस्तीनी इलाके के जमीनी, जल और वायु संपर्क पर नियंत्रण रखते हैं.

गजा पट्टी दुनिया की सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में एक है. यहां की ज्यादातर आबादी गरीबी में बसर करती है और उनका जीवन अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है. हमास ने गजा से इस्राएल पर हमले किए हैं और उन्हें "आत्मरक्षा" का नाम दिया है. इस्राएल की सेना के साथ अब तक हमास के चार बड़े संघर्ष हो चुके हैं. इनमें पहला 2008-09, दूसरा 2012 में, तीसरा 2014 और चौथा 2021 में हुआ.

हमास कई सालों से इस्राएल पर हमला करता आ रहा है
इस्राएल की सीमा के पास हमास के लड़ाकेतस्वीर: Yousef Masoud/Sopa/Zuma/picture alliance

2008: गजा की पहली लड़ाई

इस्राएल की नाकाबंदी नीति के कारण अकसर गजा पट्टी के आसपास के इलाकों में नागरिकों पर फलस्तीनी चरमपंथी गुटों के रॉकेट हमले होते हैं. इसी नीति को लेकर बढ़े तनाव के नतीजे में गजा की पहली लड़ाई 27 दिसंबर 2008 को शुरू हुई. इस्राएल का "ऑपरेशन कास्ट लीड" सैन्य हमला 18 जनवरी 2009 को खत्म हुआ.

गजा में हमास और इस्राएल की एक और लड़ाई 14 नवंबर, 2012 को शुरू हुई जो 8 दिन चली. इसके करीब 18 महीने बाद 8 जुलाई, 2014 को गजा की तरफ से लगातार रॉकेट हमलों के कारण गजा की तीसरी लड़ाई हुई. इसका अंत 26 अगस्त को अस्थायी संघर्षविराम से हुआ.

हमास की तरफ से येरुशलेम पर रॉकेट दागने के बाद मई 2021 में इस्राएल और गजा की चौथी लड़ाई हुई. यह लड़ाई पूर्वी येरुशलेम में कई हफ्तों की अशांति के बाद शुरू हुई थी. इसमें शेख जर्राह मुहल्ले के फलस्तीनियों को जबरन उनके घरों से निकाल दिया गया था और टेंपल माउंट और अल अक्सा मस्जिद में हिंसा हुई थी. 

यह लड़ाई 21 मई 2021 को संघर्ष विराम के साथ खत्म हुई. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक गजा पट्टी में 260 लोगों की मौत हुई इस्राएल के 10 लोग मारे गए.

अब एक बार हिंसा भड़क उठी है और हमास ने इस्राएल पर अभूतपूर्व हमला किया है. इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू का कहना है कि इस्राएल पर "युद्ध" हैऔर उन्होंने कठोर बदला लेने का संकल्प व्यक्त किया है.