अफगानिस्तान में क्या क्या नहीं कर सकतीं महिलाएं
अफगानिस्तान में तालिबान महिलाओं को जिन क्षेत्रों और गतिविधियों से वंचित रखना चाहता है उनकी सूची बढ़ती जा रही है. जानिए तालिबान के शासन में कितने दबाव में हैं अफगानिस्तान की महिलाएं.
स्कूल नहीं जा सकतीं
तालिबान के शासन में अफगानिस्तान के अधिकांश इलाकों में महिलाओं के माध्यमिक स्तर की शिक्षा हासिल करने पर बैन है. आठ साल से ऊपर की उम्र की लड़कियां स्कूल नहीं जा सकतीं.
घर से बाहर नहीं जा सकतीं
महिलाओं के कहीं आने जाने पर भी प्रतिबंध लागू हैं. तालिबान ने हिदायत दी है कि जब तक जरूरी न हो, महिलाएं घर के अंदर ही रहें. बाहर जाना हो तो चेहरा ढकें और आस पास तक ही जाएं. अगर उन्हें लंबी दूरी तय करनी हो तो साथ में एक पुरुष रिश्तेदार का होना आवश्यक है.
नौकरी नहीं कर सकतीं
महिलाओं का अधिकांश क्षेत्रों में काम करना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. यहां तक की सरकारी दफ्तरों में भी महिलाओं को काम करने की इजाजत नहीं है. सिर्फ स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्हें काम करने की इजाजत है, लेकिन वो भी बहुत कम संख्या में.
पार्क नहीं जा सकतीं
शुरू में तालिबान ने पुरुषों और महिलाओं को अलग अलग पार्कों में जाने का आदेश दिया था, लेकिन बाद में महिलाओं के पार्क जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया. इस वजह से कई बच्चे भी पार्कों में नहीं जा पा रहे हैं, क्योंकि वो अपनी मांओं के साथ ही पार्क जाते थे. इसके अलावा मनोरंजन पार्कों में भी महिलाओं का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है.
जिम नहीं जा सकतीं
पार्कों के अलावा महिलाओं के जिम जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. पहले महिलाओं को पुरुषों से अलग जिम में जाने की इजाजत थी, लेकिन अब पूरी तरह से जिमों में उनका प्रवेश वर्जित कर दिया गया है.
महिला कल्याण मंत्रालय बंद
तालिबान की सरकार और फैसले लेने वाली समितियों में भी कोई महिला नहीं है. अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता हासिल करने से पहले महिलाओं के मामलों के लिए समर्पित एक अलग मंत्रालय हुआ करता था, लेकिन तालिबान ने उस मंत्रालय को बंद कर दिया.
अदृश्य कर दिया जाना
कई महिलाओं और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा है कि इन कदमों के जरिए महिलाओं को अफगानिस्तान में सार्वजनिक जीवन से अदृश्य किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के लिए क्या कर पाता है और क्या करने में असफल रह जाता है, वह एक वैश्विक समुदाय के रूप में हमारी पहचान की बुनियादी परीक्षा है.