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विज्ञानविश्व

एक से ज्यादा मातृ भाषाएं बोलने वाले बच्चों को बड़ा फायदा

कातरीन एवर्ट
२६ फ़रवरी २०२४

घर में ही दो या तीन भाषाएं सीखने वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है. इसके लिए कोई सटीक रणनीति नहीं चाहिए. आप भाषाओं को मिला-जुला कर भी बोल सकते हैं.

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साथ बैठकर खाना खाता एक परिवार.
बहुभाषी माहौल में बड़े होने पर बच्चों को बहुत फायदा होता है. तस्वीर: Westend61/IMAGO

ढाई साल का एनरिक बैठक के फर्श पर बैठा है. रंग-बिरंगे त्रिभुजों, वृत्तों और वर्गों वाली पिक्चर बुक में अपनी नाक घुसाए हुए है. उसकी मां क्लोए बूराट फ्रेंच में उससे पूछती हैं, "लाल त्रिभुज कहां है?" एनरिक त्रिभुज पर अंगुली रख कर कहता हैः "इस्सी!" मतलब "यहां." फिर मां की ओर चहक कर देखता है. स्पैनिश भाषा बोलने वाले उसके पिता हुआन कोएर्स उससे स्पैनिश में पूछते हैं, "और पीला सर्कल कहां है?" एनरिक स्पैनिश भाषा में ही जवाब देता हैः "एकी!" यानी "यहां."

एनरीक और उसकी आठ महीने की बहन एलिस अपने माता-पिता के साथ मैड्रिड के पास रहते हैं. उनकी तरह दुनिया के बहुत से बच्चे एक साथ दो या उससे ज्यादा भाषाओं के साथ बड़े हो रहे हैं.

दोनों माता-पिता यूं तो अक्सर आपस में स्पैनिश में बात करते हैं, लेकिन मां क्लोए अपने दोनों बच्चों के साथ सिर्फ फ्रेंच भाषा में बोलती हैं. जबकि उनके पति हमेशा स्पैनिश बोलते हैं. जानकार इस तरीके को "एक व्यक्ति, एक जबान" कहते हैं. बहुभाषी शिक्षा के बहुत से स्थापित तरीकों में से एक यह भी है.

फ्रैंकफर्ट में रहने वाली येलिस ग्योसमेस ने अपने परिवार के साथ अलग तरीका चुना है. वह और उनके पति दोनों तुर्की में पैदा हुए थे, घर पर वो अपनी बेटियों मेलिसा (7) और मिला (4) के साथ तुर्की में बात करते हैं. मां बताती हैं, "घर से बाहर, जैसे कि डे केयर में, स्कूल में और अपने खाली समय में बच्चे जर्मन भाषा बोलते हैं. "

बूराट अपने बच्चों के साथ ज्यादातर फ्रेंच में और पिता कोएर्स अधिकतर स्पैनिश में बात करते हैं.
बूराट और कोएर्स परिवार में बातचीत की मुख्य भाषा स्पैनिश है. तस्वीर: Privat

बहुभाषिकता के लिए कोई एक रणनीति नहीं

गतिविधि आधारित तरीका भी है, जिसमें परिवार के सदस्य खाने के समय अरबी में बात कर सकते हैं, लेकिन कोई खेल खेलते समय अंग्रेजी में. समय आधारित तरीका भी है, जब सुबह के समय तैयार होते वक्त और नाश्ते के समय मंडारिन में बात करें और शाम को जर्मन में.

कई माता-पिता सोचते हैं कि आखिर कौन सा तरीका बेहतरीन होगा. शोध दिखाता है कि बहुभाषी शिक्षा किसी परफेक्ट रणनीति पर निर्भर नहीं होती. ब्रेमन में सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लाइड साइंसेस में प्रोफेसर वीब्के शार्फ रेथफेल्ड्ट कहती हैं, "बच्चे को जितना अधिक हो सके और जितने अलग-अलग तरीकों से मुमकिन हो, भाषा के साथ जोड़े रखना चाहिए."

उनके मुताबिक, माता-पिता को बच्चों के साथ यथासंभव अलग-अलग विषयों पर बात करनी चाहिए. कौन सी भाषा कब बोली जाएगी, इसे लेकर सख्ती न की जाए. जिस भाषा में उन्हें सबसे ज्यादा सुविधा महसूस होती है, उसमें बात करनी चाहिए. कोएर्स का कहना है, "वो उनकी अपनी मातृ-भाषा हो सकती है, लेकिन ये जरूरी भी नहीं."

कोएर्स आगे बताते हैं,  "फ्रेंच और स्पैनिश हमारे लिए सबसे ज्यादा स्वाभाविक लगने वाली भाषाएं हैं और उनमें हम बच्चों के साथ अपने आप ही बात करने लगते हैं." ग्योसमेस का कहना है, "हम तुर्की जबान में ही अपनी भावनाओं को सबसे अच्छे ढंग से जाहिर कर सकते हैं."

भाषाओं को मिक्स-मैच करने में हर्ज नहीं

शार्फ रेथफेल्ड्ट के मुताबिक, भावनाओं को जाहिर करना और सुविधा और अपनापन का एहसास करना- ये बड़े ही जरूरी कारक हैं. वह कहती हैं, "भाषा का टीचर होने की बात नहीं, बल्कि माता-पिता का बच्चों के साथ एक भावनात्मक बंधन बनाने की बात है."

रेथफेल्ड्ट यह भी समझाती हैं कि माता-पिता को हमेशा उसी भाषा का सहारा नहीं लेते रहना चाहिए, जिसमें वो सबसे ज्यादा सहूलियत महसूस करते हैं. वह कहती हैं, "भाषाओं को अलग-अलग करने की प्रवृत्ति एकल भाषिकता, एकल संस्कृति वाली मानसिकता दिखाती है. हमारी मौजूदा दुनिया से उसका कोई तालमेल नहीं."

रेथफेल्ड्ट का सुझाव है कि परिवारों को लचीला बने रहना चाहिए और अपनी सुविधा के हिसाब से भाषाओं को बदल-बदल कर बरतना चाहिए. उससे माता-पिता पर भी दबाव नहीं आता और बच्चों के लिए सीखने का मजा बना रहता है.

बूराट और कोएर्स, दोनों फ्रेंच और स्पैनिश बोलने में पारंगत है. जरूरत पड़ने पर वो "एक व्यक्ति एक भाषा" के नियम को किनारे कर देते हैं. कोएर्स बताते हैं, "मिसाल के लिए, जब क्लोए की मां फ्रांस आती हैं, मैं भी फ्रेंच बोलता हूं." इसी बात को आगे बढ़ाते हुए उनकी पत्नी कहती हैं, "जब हम मैड्रिड में अपने दोस्तों से मिलते हैं, तो मैं एनरिक के साथ कभी-कभी स्पैनिश में बात करती हूं ताकि सभी समझ सकें और बातचीत में शामिल भी हो सकें."

फ्रैंकफर्ट में रहने वाली येलिस ग्योसमेस और उनके पति, दोनों तुर्की में पैदा हुए थे.
ग्योसमेस परिवार घर पर तुर्की भाषा में और बाहर जर्मन में बातचीत करती है. तस्वीर: Privat

गलतियां होती हैं, तो होने दें

रेथफेल्ड्ट बताती हैं, "गलतियां भी नाटकीय नहीं होतीं. बच्चे बहुत तेजी से भाषा सीख लेते हैं. वे सही व्याकरण याद कर लेते हैं, भले ही गाहे-बगाहे उन्हें गलत वाक्य सुनने पड़ते हों."

ग्योसमेस परिवार का भी यही तरीका है. येलिस ग्योसमेस के साथ डीडब्लू की फोन पर बातचीत के दौरान उनकी एक बेटी ने तुर्की में सवाल पूछा. उसकी मां ने जर्मन में जवाब दिया क्योंकि इंटरव्यू में वह इसी भाषा में बात कर रही थीं.

येलिस कहती हैं, "घर पर हम बच्चों को जब-तब भाषा-द्वीपों की सैर करा लाते हैं. जैसे कि बेटियों को जर्मन किताब पढ़ कर सुनाते हैं या जर्मन बाल-गीत सुनते हैं, जबकि बाकी सारे दिन तुर्की में बात करते हैं."

वह बताती हैं कि कोई जर्मन शब्द कभी-कभार तुर्की वाक्य में भी निकल आता है, "रोजमर्रा की जिंदगी में, आप शत-प्रतिशत अलग नहीं कर सकते." विशेषज्ञ अब इस बात से सहमत हैं कि भाषाओं को मिश्रित करने में कोई हर्ज नहीं क्योंकि बच्चे जानते हैं कौन सा शब्द, कौन सी भाषा का है. वे भाषाओं की ध्वनियों के हिसाब से उनमें फर्क करना गर्भ से ही जानते हैं.

रेथफेल्ड्ट बताती हैं, "ये द्विभाषिकता है. भाषाओं का मिश्रण इसका एक हिस्सा है और ये कोई बुरी बात भी नहीं. इस तरह हम बच्चों को दिखाते हैं, 'देखो, मैं भी बहुभाषी हूं, मैं भी भाषाओं के साथ खेल सकती हूं और उन्हें उलट-पलट सकती हूं. यह एक बड़ी और सकारात्मक बात मुझे सबसे अलग करती है और तुम्हें भी."

द्विभाषी बच्चों का शब्दज्ञान ज्यादा होता है.
बहुभाषी बच्चों की दुनिया को देखने-जानने की समझ विस्तृत होती है. तस्वीर: Amelie Benoist/BSIP/picture alliance

क्या द्विभाषी शिक्षा के नुकसान भी हैं? इस बारे में एक मिथक बना हुआ है कि बहुभाषी पर्यावरण में बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं- या उनमें भाषाई समस्या आ जाती है. लेकिन ये बात गलत साबित हो चुकी हैः "भाषा विकास से जुड़े विकार जन्मजात होते हैं और वे द्विभाषिकता के चलते नहीं उभर आते."

ये विकार करीब पांच से आठ प्रतिशत बच्चों में पाया जाता है. चाहे वे एकभाषी हों या द्विभाषी. समस्या यह है कि बहुभाषिकता को ही अक्सर जिम्मेदार मान लिया जाता है. लेकिन सच यह है कि एक भाषा की अपेक्षा दो भाषाएं सीखने में बच्चों को समय लगता है, इसलिए नहीं कि उनका भाषायी विकास धीमा होता है, बल्कि इसलिए कि एक भाषा में वही इनपुट रिसीव करने में बच्चों को ज्यादा समय लगता है.

उदाहरण के लिए, एकभाषी बच्चे अपने माता-पिता के साथ दिन में चार घंटे तक एक ही भाषा में बात करेंगे, मसलन जर्मन में. द्विभाषी बच्चे उन्हीं चार घंटों में अपने माता-पिता के साथ बात करेंगे, लेकिन उसमें से दो घंटे जर्मन में और दो अरबी में. एक समान अवधि में द्विभाषी बच्चों को ज्यादा शब्दज्ञान होगा. 

कई जानकार मानते हैं कि बहुभाषी शिक्षा के कुछ नुकसान हैं, लेकिन बहुत सारे फायदे हैं. ग्योसमेस कहती हैं कि एक फायदा यह है कि उनके बच्चे अपने परिजनों के साथ आसानी से संवाद कर लेते हैं. वह बताती हैं, "तुर्की भाषा दादी-दादा या नानी-नाना के साथ संवाद के एक पुल जैसी है."

रेथफेल्ड्ट कहती हैं, "अगर आप एक से ज्यादा भाषा में संवाद करने में समर्थ हैं, तो आप अलग-अलग संस्कृतियों और जीने के तरीकों से रूबरू हो पाते हैं. नतीजतन, आप अपने खुद के नजरियों पर निगाह डालने के लिए और प्रवृत्त होते हैं. इस लिहाज से थोड़ा और स्मार्ट बनते हैं." 

दूसरा लाभ यह है कि जब बच्चे पहले से दो भाषाएं बोल रहे होते हैं, तो उनके लिए और भाषाएं सीखना ज्यादा आसान हो जाता है. द्विभाषिकता की विशेषज्ञ रेथफेल्ड्ट कहती हैं, "द्विभाषी माहौल में पैदा हुए बच्चे जानते हैं कि आप वन-टू-वन अभिव्यक्तियों का अनुवाद नहीं कर सकते."

येलिस ग्योसमेस ने भी इस बात पर गौर किया है, खासकर एक आया के जरिए जो हाल में उनके परिवार में साथ रहने आई हैं. वह बच्चों के साथ अंग्रेजी में बात करती हैं. ग्योसमेस कहती हैं कि मिला ने उस नई भाषा को स्पंज की तरह जज्ब कर लिया, "वह 'क्योंकि' और 'लेकिन' के साथ पूरे- पूरे वाक्य बोलती है. हमारे लिए यह वाकई सुखद आश्चर्य था."

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