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कौन हैं सबसे बड़े चुनावी बॉन्ड डोनर सैंटियागो मार्टिन

१९ मार्च २०२४

भारत के 'लॉटरी किंग' सैंटियागो मार्टिन पर अधिकारियों द्वारा धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया. उनकी कंपनी चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को दान करने वाली टॉप कंपनी बनकर उभरी है.

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सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड खरीदे
सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड खरीदेतस्वीर: Martin Group/Handout/REUTERS

सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने साल 2019 और 2024 के बीच चुनावी बॉन्ड के जरिए 1,368 करोड़ रुपये का दान राजनीतिक दलों को दिया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दी गई चुनावी बॉन्ड योजना के तहत इस कंपनी ने दूसरे बड़े डोनर से  40 फीसदी अधिक दान किया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित जानकारी से पता चलता है कि बीजेपी इस चुनावी बॉन्ड के जरिए दान लेने वाली सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन अभी तक यह जानकारी सामने नहीं आई है कि किस डोनर ने किस पार्टी को चंदा दिया है.

सबसे बड़ा चंदा देने वाले 'लॉटरी किंग'

आज जिन्हें 'लॉटरी किंग' के नाम से जाना जाता है वह कभी लॉटरी टिकटें बेचा करते थे. 59 साल के सैंटियागो मार्टिन का कारोबार लॉटरी से लेकर रियल एस्टेट तक फैला हुआ है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक राजनीतिक हलकों में उनके दोस्त हैं और जैसे-जैसे उनका बिजनेस फला फूला, वह नेताओं पर भारी रकम खर्च करने लगे और महंगे उपहार देने लगे.

मार्टिन और उनकी कंपनी के खिलाफ पुलिस, टैक्स विभाग और जांच एजेंसियों द्वारा विभिन्न मामलों में कार्रवाई भी की गई है. पिछले साल सितंबर में प्रवर्तन निदेशालय ने मार्टिन के फ्यूचर गेमिंग और लॉटरी समेत 15 अन्य संबंधित कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग प्रावधानों के तहत एक आरोप पत्र दायर किया था.

रॉयटर्स ने टिप्पणी के लिए फ्यूचर गेमिंग से संपर्क किया, लेकिन कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया.

ईडी ने आरोप लगाया था, "उन्होंने कथित तौर पर लॉटरी की बिक्री से हुई पूरी आय जमा न करके लॉटरी जारी करने वाली राज्य सरकारों को धोखा दिया है." ईडी ने आरोप में कहा कि बिना बिके टिकटों पर इनामों को अवैध रूप से बनाए रखने और दावा करने और डाटा में हेरफेर करके लॉटरी कानून का उल्लंघन किया है.

ईडी के आरोपों पर मार्टिन और उनकी कंपनी ने गलत काम करने से इनकार किया. उनके समूह, मार्टिन ग्रुप ने पिछले साल अक्टूबर में कहा कि समूह और उसकी कंपनियां कानून का पालन करती हैं और मार्च 2003 तक वित्तीय वर्ष में मार्टिन भारत के सबसे बड़े टैक्स देने वाले थे.

सैंटियागो मार्टिन आठ महीने के लिए जेल भी जा चुके हैं
सैंटियागो मार्टिन आठ महीने के लिए जेल भी जा चुके हैंतस्वीर: REUTERS

कभी मजदूर थे मार्टिन

उनके गैर-लाभकारी मार्टिन चैरिटेबल ट्रस्ट के मुताबिक वह कभी म्यांमार में मजदूरी कर अपने परिवार का समर्थन करते थे. मार्टिन 1980 के दशक में भारत में लौट आए. उसके बाद उन्होंने दक्षिणी शहर कोयंबटूर में अपना व्यावसायिक करियर शुरू किया.

मार्टिन द्वारा चलाई गई दो अंकों की लॉटरी ने इलाके में लोकप्रियता हासिल की, ऐसा इसलिए क्योंकि गरीब लोग रातोंरात अमीर बनने का सपना देखते थे. मार्टिन की वेबसाइट के मुताबिक उन्होंने अन्य राज्यों और पड़ोसी देश भूटान और नेपाल तक अपने लॉटरी बिजनेस का विस्तार किया, जहां टिकट वितरण पर उनका एकाधिकार था.

राजनीतिक दलों से नजदीकी

मार्टिन ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि द्वारा रूसी लेखक मैक्सिम गोर्की की नोवल "मदर" पर आधारित फिल्म भी बनाई.  20 करोड़ की लागत से बनी यह फिल्म 2011 में रिलीज हुई थी.

उसी साल हुए चुनाव में सत्ताधारी दल हार गया और एआईएडीएमके की सरकार बनी तो मार्टिन के लिए बुरा वक्त शुरू हो गया.

मार्टिन और उनके सहयोगियों के खिलाफ सीबीआई ने 32 मामले दर्ज किए थे और उनपर सिक्किम सरकार को धोखा देकर गैर कानूनी तरीके से लॉटरी बेचने का आरोप लगा. इस कारण कथित तौर पर सिक्किम सरकार को 910 करोड़ का नुकसान पहुंचा.

जमीन हड़पने, धोखाधड़ी और अवैध लॉटरी बिक्री के आरोपों समेत 14 मामलों में उन्हें कई नेताओं के साथ आठ महीने तक जेल में रखा गया था. उन्हें किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है, जिनमें से कुछ अभी भी लंबित हैं. उन्हें 2012 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.

मार्टिन की परेशानी जब बढ़ने लगी तो उनका परिवार सार्वजनकि कार्यक्रम में नजर आने लगा. उनकी पत्नी ने साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक मंच साझा किया. मोदी उस समय प्रधानमंत्री पद के लिए एनडीए का चेहरा थे. एक साल बाद मार्टिन के सबसे बड़े बेटे चार्ल्स मोदी की पार्टी में शामिल हो गए.