एनएफटी: करोड़ों रुपये देकर भी जो हाथ में ना आए
२६ मार्च २०२१नायाब चीजों को इकट्ठा करने के शौकीन हमेशा से रहे हैं. किसी मशहूर पेंटर की मूल कृति हो या किसी बड़ी हस्ती के हाथों से लिखे पन्ने - अमीर लोग लाखों, करोड़ों खर्च कर उसे खरीदते रहे हैं. लेकिन कम से कम यह महंगी पेंटिंग या दूसरी खरीदी गई चीजें उन्हें मिल तो जाती हैं, जिन्हें वे आम जनता की नजरों से दूर अपनी मर्जी की जगह पर सहेज कर रख सकते हैं.
लेकिन क्या कोई इतनी बड़ी रकम खर्च कर ऐसी चीज खरीदना चाहेगा जो ना तो उसे अपने साथ ले जाने के लिए मिल सकती है और ना ही वह उसका इस्तेमाल ही कर सकते हैं. जवाब है - हां. ऐसी ही चीज है एनएफटी यानि नॉन-फंजिबल टोकन, जिन्हें करोड़ों में खरीदने पर घर ले जाना संभव नहीं है. इन डिजिटल फाइलों को खरीदने वाले को केवल एक सर्टिफिकेट मिलता है. इस सर्टिफिकेट पर उस डिजिटल फाइल के मूल रचनाकार का हस्ताक्षर होता है. यानि खरीदार पूरी दुनिया को बता सकता है कि वही उस डिजिटल एसेट का मालिक है.
हाल के महीनों में ऐसे एसेट खरीदने का चलन खूब जोर पकड़ रहा है. हाल ही में ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर लिखा अपना पहला ट्वीट "just setting up my twttr" को एनएफटी के रूप में बेचा. मार्च 2006 में पोस्ट की गई यह ट्वीट डिजिटल इतिहास का एक अहम हिस्सा होने के कारण 38 लाख डॉलर में बिकी.
फरवरी में विश्व प्रसिद्ध नीलामी घर 'क्रिस्टी' ने एक पूरी तरह से डिजिटल आर्टपीस को बेचा था. ब्रिटिश ऑक्शन हाउस ने पूरी तरह से डिजिटल तस्वीरों के एक कोलाज 'बीपल' को रिकॉर्ड 6.9 करोड़ डॉलर में बेचा. इसी के साथ ही यह किसी जीवित कलाकार का आज तक के कला इतिहास में तीसरा सबसे महंगा आर्टपीस बन गया. यह डिजिटल आर्ट 5,000 तस्वीरों का एक कोलाज है जिसे अमेरिकी कलाकार माइक विंकलमान उर्फ बीपल ने बनाया है. बीपल ने बीते साल भी अपना एक 10-सेकेंड का वीडियो क्लिप 67,000 डॉलर की कीमत पर बेचा था. फरवरी में ही एक 10 साल पुराना बिल्ली वाला मीम करीब 6 लाख डॉलर में बिका था.
ऐसी संपत्तियों के मालिक आजकल निफ्टी गेटवे, मेकर्सप्लेस और सुपररेअर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लगातार अपने डिजिटल एसेट की बोली लगवा रहे हैं. हाल ही में टेस्ला के मालिक एलॉन मस्क की पत्नी और कनाडाई गायिका ग्राइम्स ने अपने 'वॉर निम्फ' नाम के कलेक्शन को करीब 60 लाख डॉलर में बेचा. इसमें कई डिजिटल पेंटिंग्स के अलावा, एनिमेशन और वीडियो क्लिप भी थे. डिजिटल दुनिया के जानकार मानते हैं कि ऐसी चीजों की कीमत और दीवानगी आगे और भी बढ़ सकती है. लेकिन ये भी संभव है कि इसका शौक भी आगे चलकर एक बुलबुले की तरह फूट जाए.