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लगातार बढ़ रहे हैं अमेरिकी सीमा पर शरण मांगने वाले भारतीय

४ मई २०२३

इस साल मार्च महीने में लगभग दस हजार भारतीयों को अमेरिकी सीमा पार करते हुए पकड़ा गया. अमेरिका में बढ़ते भारतीय अवैध प्रवासी वहां की सरकार के लिए नई समस्या बन गए हैं.

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अमेरिका-मेक्सिको सीमा
अमेरिका-मेक्सिको सीमातस्वीर: Jose Luis Gonzalez/REUTERS

दस साल पहले जब अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर कोई अवैध प्रवासी पहुंचता था तो यह माना जाता था कि मेक्सिको से होगा. अब ऐसा नहीं है. अब वहां दूसरे कई देशों के लोग पहुंच रहे हैं और यह सरकार के लिए बड़ी समस्या बन गया है.

अमेरिका में अवैध प्रवासियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. सीमा पार करने की कोशिश करते लोगों में एशिया और दक्षिणी अमेरिका के दर्जनों देशों के लोगों की संख्या मेक्सिको के लोगों से ज्यादा हो गई है. इनमें पेरू, वेनेजुएला, हैती, भारत और रूस के लोगों की भारी तादाद है. 2011 में जहां 85 फीसदी तक लोग मेक्सिको के होते थे, अब वे एक तिहाई से भी कम हो चुके हैं.

गुजरात में क्यों मची है अवैध तरीकों से अमेरिका पहुंचने की होड़

11 मई से अमेरिका में नियम 42 खत्म हो जाएगा. इस नियम ने कोविड-19 महामारी के कारण अमेरिका आने वाले शरणार्थियों को कुछ अतिरिक्त अधिकार दिए थे जो 11 मई को खत्म हो जाएंगे. जनवरी में भी बाइडेन सरकार ने शरणार्थी नियमों में कुछ बदलाव किए थे जिसके बाद अवैध प्रवासियों की संख्या कुछ घटी. लेकिन अप्रैल के मध्य से इस संख्या में फिर से बढ़त देखी जा रही है.

नेशनल बॉर्डर पट्रोल काउंसिल के अध्यक्ष ब्रैंडन जड कहते हैं कि औसतन 7,200 प्रवासी रोजाना सीमा पर पहुंच रहे हैं. मार्च में यह संख्या 5,200 हुआ करती थी. अधिकारी कोशिश में हैं कि इन प्रवासियों की जल्द से जल्द जांच की जाए और जो जायज शरणार्थी नहीं हैं, उन्हें फौरन उनके देश लौटा दिया जाए. लेकिन उनकी राष्ट्रीयता के आधार पर उनके साथ अलग-अलग व्यवहार होता है.

चार देशों के लिए कोटा

इसके लिए अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं. मसलन, क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला के लिए सीएचएनवी श्रेणी है. दिसंबर में जितने लोग अमेरिकी सीमा पर रोके गए, उनमें से 40 फीसदी इन्हीं चार देशों से थे. मार्च में उनकी संख्या सिर्फ 3 प्रतिशत रह गई थी. 5 जनवरी को सरकार ने ऐलान किया कि इन चार देशों से हर महीने अधिकतम 30 हजार लोग सीमा पार कर सकते हैं, बशर्ते उन्होंने ऑनलाइन अर्जी दी हो और उनके पास समुचित धन हो.

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अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले इतने ही लोगों को मेक्सिको वापस लेने को भी राजी हो गया था. हालांकि टेक्सस समेत कई अमेरिकी राज्यों ने इस योजना का विरोध किया है. मेक्सिको ने बुधवार को कहा कि वह इन चार देशों के लोगों को अमेरिका से निकाले जाने के बाद वापस लेना जारी रखेगा.

दरअसल, इन देशों के लोगों के लिए हालात अनुकूल हैं क्योंकि इनके देश इन्हें वापस लेने को तैयार नहीं हैं. हालांकि क्यूबा ने सोमवार को कहा था कि वह अब अपने लोगों को वापस ले लेगा. दिसंबर 2020 के बाद अब वह अवैध शरणार्थियों को वापस लेने को राजी हुआ है. लेकिन हैती में हालात गंभीर हैं. वहां हिंसा और अपराध के कारण अवैध शरणार्थियों को विमान से वापस भेजना मुमकिन नहीं हो पा रहा है.

बढ़ते भारतीय शरणार्थी

समस्या अन्य देशों से आ रहे लोगों की ज्यादा है. मार्च में जितने अवैध प्रवासी अमेरिकी सीमा पर पहुंचे उनमें से दो तिहाई अन्य देशों से ही थे. यह चलन पिछले कई साल के चलन से अलग है. जैसे कि भारतीयों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है. हाल ही में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि फरवरी 2019 से मार्च 2023 के बीच 1.19 लाख भारतीय लोग अमेरिका में अवैध रूप से घुसते हुए पकड़े गए. कुछ अधिकारी कहते हैं कि इनमें से अधिकतर गुजराती थे.

जनवरी 2022 में 5,459 भारतीयों को अमेरिकी सीमा पार करते हुए पकड़ा गया था. इनमें से 740 को कनाडा-अमेरिका सीमा पर पकड़ा गया था. जनवरी 2023 में यह संख्या 35.9 फीसदी बढ़कर 7,421 हो गई. कनाडा-अमेरिका सीमा पर ही 2,478 भारतीयों को पकड़ा गया. हालांकि कुल पकड़े गए लोगों में भारतीयों की संख्या दो फीसदी है और बहुत कम लोगों को डिपोर्ट किया गया है.

बड़ी संख्या में लोगों को अमेरिका में मानवीय आधार पर शरण मिल रही है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2017 के बाद से अमेरिका शरणार्थियों के लिए सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है. शायद यही वजह है कि भारतीयों के अमेरिकी सीमा पार करने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस साल मार्च में पकड़े गए भारतीयों की संख्या 9,648 रही. इनमें से कनाडा सीमा पर 2,289 भारतीय पकड़े गए.

माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टिट्यूट के मुताबिक 2021 में 27 लाख से ज्यादा भारतीय अमेरिका में रह रहे थे, जो विदेश में जन्मे लोगों की कुल आबादी का लगभग 6 फीसदी है. 1980 में इनकी संख्या मात्र दो लाख थी.

विवेक कुमार (एपी)

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