आर्कटिक में बर्फ का विस्तार नाटकीय रूप से कम हो रहा है. अनुमान है कि आर्कटिक की सतह में तेल और गैस जैसे प्राकृतिक संसाधनों का बहुत बड़ा भंडार दबा है. हर कोई पिघलते आर्कटिक में अपना हिस्सा चाहता है. क्या बड़े देश क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता पीछे छोड़कर सस्टेनेबल भविष्य के लिए साथ आ पाएंगे?