जर्मनी के रंग-बिरंगे जाड़े वाले पंछी
पक्षी कमाल के घुमक्कड़ होते हैं. सैकड़ों मील की मौसमी यात्राएं करते हैं. गर्मी यहां, सर्दी वहां, बसंत में घर लौट आए. लेकिन कई विंटर बर्ड्स सर्दियों में भी अपने बाग-बगीचे नहीं छोड़ते. देखिए, जर्मनी के ऐसे ही कुछ पक्षी...
हाउस रॉबिन
नन्ही सी हाउस रॉबिन के पंख थोड़े छोटे होते हैं. इनके वयस्क सदस्यों को उनके इस चटख नारंगी रंग की मदद से पहचाना जा सकता है. हाउस रॉबिन एक बड़े इलाके में पाई जाती है और आमतौर पर इसके अस्तित्व को खतरा नहीं है. हालांकि कुछ इलाकों में लोग इन्हें पकड़कर खाते भी हैं.
यूरोपियन सिसकिन
हरे और पीले रंग की सिसकिन कमोबेश आम पक्षी है. सिसकिन का मुख्य खाना है, बीज. जैसे कि बर्च और आल्डर वुडलैंड के बीज. हालांकि गर्मियों में वो कीड़े-मकोड़े भी खाते हैं. मादा सिसकिन शुंकुधारी पेड़ों के ऊपर घोंसले बनाती है.
वुड पिजन
ये बाग-बागीचों, पार्कों, जंगलों और खेतों में आसानी से दिख जाते हैं. इनका मुख्य आहार है बीज, पत्ता, अनाज के दाने, फल और मटर. अनाज खाने की वजह से कई जगहों पर ये फसल को भी नुकसान पहुंचाते हैं. इनका सिर, पीठ और पंख का हिस्सा नीलापन लिए सलेटी रंग का होता है और ब्रेस्ट के हिस्से पर गुलाबी रंगत होती है. उड़ते समय इनके पंख पर चौड़ी सफेद धारियां दिखती हैं.
ग्रेट स्पॉटेड वुडपेकर
बहुत मुमकिन है कि आप इस पक्षी को देखने से पहले इसकी आवाज सुनें. ये वुडपेकर सिर को बड़ी तेजी से हिलाते हुए अपनी मजबूत और मोटी चोंच से तने पर खूब वार करते हैं. उसी से खूब खटखट की आवाज होती है. ये तने में छेद करके घोंसला बनाते हैं. ये ड्रमिंग की आवाज बातचीत का जरिया भी है और इलाका मार्क करने का तरीका भी. वैसे तो ये कीड़े और लार्वा खाते हैं, लेकिन सर्दियों में इनका मुख्य आहार नट्स और बीज होते हैं.
ब्रैम्बलिंग
ये काफी घुमक्कड़ पक्षी हैं. गर्मियों में ये उड़कर स्कैंडिनेविया और रूस जैसे सर्द इलाकों में चले जाते हैं. और सर्दियों में वहां से उड़कर यूरोप के अपेक्षाकृत कम ठंडे हिस्सों में पहुंच जाते हैं. इन्हें नट्स खाना बड़ा पसंद है. नर ब्रैम्बलिंग के गरदन के नीचे और सीने का हिस्सा चमकीला नारंगी और सफेद होता है, लेकिन मादा का रंग थोड़ा कम चटख होता है.
ब्लैकबर्ड
ब्लैकबर्ड अपनी चहकती-गूंजती, सुरीली आवाज के लिए मशहूर है. नर ब्लैकबर्ड समूचे काले रंग के होते हैं. बस उनकी चोंच पीले रंग की होती है और आंखों से सटा पीले रंग का एक गोला होता है. वहीं मादा का रंग गहरा भूरा होता है. इनकी आबादी यूरोप के भीतर भी बड़ी संख्या में प्रवास करती है.
चैफिंच
नन्हे चैफिंच बगीचों, झुरमुटों और यहां तक कि खेतों में भी आसानी से दिख जाते हैं. नर चैफिंच बड़े रंगीन दिखते हैं. इनका सीना, नारंगी और गुलाबी रंगत लिए होता है, पीठ भूरे-संतरी रंग की और सिर पर सलेटी-नीली टोपी. इनकी आवाज बड़ी प्यारी होती है. थोड़ा ठहरकर, हल्का-हल्का सा विराम लेकर ये गूंजती आवाज में सीटीनुमा ध्वनि निकालते हैं. मन करे, तो इंटरनेट में चैफिंच का गाना खोजकर सुनिएगा. बड़ी तसल्ली सी मिलेगी.