वर्ल्ड बैंक ने भारत की विकास दर का अनुमान घटाया
१४ अप्रैल २०२२वर्ल्ड बैंक ने भारत की आर्थिक विकास दर के पूर्वानुमान में कमी की है. यूक्रेन युद्ध के कारण सामान की आपूर्ति में आ रही बाधाओं और मुद्रास्फीति में वृद्धि की आशंकाओं ने पूरे दक्षिण एशिया की वृद्धि दर को खतरे में डाल दिया है.
बुधवार को वर्ल्ड बैंक ने अपने पूर्वानुमान जारी करते हुए भारत समेत पूरे दक्षिण एशिया की वृद्धि दर में कमी कर दी. पहले वर्ल्ड बैंक ने अनुमान जताया था कि भारत इस वित्त वर्ष में 8.7 फीसदी की दर से विकास करेगा लेकिन बुधवार को इसमें कमी करते हुए इसे 8 प्रतिशत कर दिया गया. अफगानिस्तानको छोड़कर बाकी दक्षिण एशिया की विकास दर का अनुमान घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया गया है.
भारत पर युद्ध का असर कितना?
बैंक ने कहा कि भारत में महामारी के बाद श्रम बाजार की पूरी तरह वापसी नहीं हो पाई है और मुद्रास्फीति का दबाव भी अर्थव्यवस्था पर बना हुआ है. बैंक के दक्षिण एशिया उपाध्यक्ष हार्टविग शाफर ने कहा, "यूक्रेन युद्ध के कारण खाने की चीजों और ईंधन के ऊंचे दाम लोगों की असली आय पर बड़ा नकारात्मक प्रभाव डालेंगे.”
दक्षिण एशिया पर केंद्रित अपनी छमाही रिपोर्ट में वर्ल्ड बैंक ने भारत के बारे में कहा, "विदेशी निवेशक अक्टूबर 2021 से ही भारतीय बाजार छोड़कर जा रहे हैं क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने मौद्रिक सख्ती बरती है. पूर्वी यूरोप में हालिया घटनाओं ने पूंजी के निकास को और तेज कर दिया है जिससे भारतीय रुपया कमजोर हुआ है.” बैंक ने कहा कि ऐसे हालात में सरकार को समझदारी से पारदर्शी नीतियां बनाने पर ध्यान देना होगा.
हालांकि वर्ल्ड बैंक ने माना है कि रूस और यूक्रेन युद्ध का सीधा असर भारत और दक्षिण एशिया के अन्य बैंकों पर बहुत कम है. रिपोर्ट कहती है, "हालांकि किसी भारतीय बैंक में रूस की हिस्सेदारी नहीं है, लेकिन देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने एक संयुक्त वेंचर के जरिए एक करोड़ डॉलर का खतरा बताया है. जो बैंक घरेलू आयात-निर्यात को समर्थन देते हैं, वे ट्रेड क्रेडिट देना बंद कर सकते हैं, जिससे घरेलू कंपनियों का व्यापार प्रभावित होगा.”
पाकिस्तान और श्रीलंका में सुधार
वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान की मौजूदा वित्त वर्ष की विकास दर के पूर्वानुमान को बढ़ा दिया है. जून में खत्म हो रहे वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की विकास दर को 3.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया गया है. हालांकि अगले वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
दक्षिण एशिया की ऊर्जा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भरता के कारण भारत और पाकिस्तान समेत पूरे इलाके की अर्थव्यवस्थाओं को विकास पर ध्यान देने की बजाय महंगाई काबू करने पर अपनी ऊर्जा लगानी पड़ रही है. इसी वजह से वर्ल्ड बैंक ने मालदीव्स की विकास दर के अनुमान में भारी कटौती करते हुए उसे 11 फीसदी से कम करके 7.6 फीसदी कर दिया है. बैंक ने कहा कि रूस और यूक्रेन से पर्यटकों की आमद में कमी का असर मालदीव्स को झेलना होगा.
आर्थिकसंकट से जूझ रहे श्रीलंकाकी मौजूदा वित्त वर्ष की विकास दर के अनुमान में मामूली वृद्धि की गई है. बैंक का अनुमान है कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था 2.1 फीसदी की जगह 2.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी. हालांकि यह चेतावनी भी दी गई है कि इस पूर्वानुमान में बहुत अधिक अनिश्चितता है.
श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को कहा था कि बाहरी कर्ज की किश्तें चुकाना अब "असंभव और चुनौतीपूर्ण” हो गया है. देश पहले से ही विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का सामना कर रहा है. सरकार ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि देश की कमाई के हर 100 अमेरिकी डॉलर पर उन्हें 119 डॉलर का कर्ज अदा करना है. कोविड महामारी के चलते पर्यटन पर निर्भर श्रीलंकाई अर्थव्यवथा की हालत और ज्यादा खस्ता हो गई है. फरवरी के अंत तक इसका भंडार घटकर 2.31 अरब डॉलर रह गया, जो दो साल पहले की तुलना में करीब 70 फीसदी कम है.
वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)