जून 2023: दुनिया के सबसे गर्म दिन
दुनिया का बड़ा हिस्सा झुलसाने वाली गर्मी से जूझ रहा है. आंकड़े बताते हैं कि जून 2023 के शुरुआती दिन, साल के इन दिनों के पुराने सभी रिकॉर्ड्स से ज्यादा गर्म रहे. आंकड़ों की मानें तो 1950 से अब तक ऐसी गरमी नहीं पड़ी है.
8 और 9 जून रहे खासतौर पर गर्म
जून 2023 के शुरुआती दिनों में जितनी गर्मी पड़ी, वो इस दौरान दर्ज किए गए बीते सालों के तापमान की तुलना में सबसे ज्यादा थी. 'कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस' (सी3एस) के मुताबिक, 8 और 9 जून की तारीख खासतौर पर गर्म थी. ये दोनों दिन पिछले सालों के मुकाबले 0.4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म थे.
दुनिया ने देखा सबसे गर्म जून
सी3एस, ईयू के कोपरनिकस कार्यक्रम के तहत एक सेवा है जो यूरोप और बाकी दुनिया के अतीत और वर्तमान के साथ भविष्य की जलवायु स्थितियों से जुड़े अनुमान भी बताता है. सी3एस की उप निदेशक समांथा बरजेस ने बताया, "विश्व ने अभी तक का सबसे गर्म जून देखा है, हालांकि मई में भी गर्मी कम नहीं थी. सबसे गर्म मई के मुकाबले इस बार तापमान केवल 0.1 डिग्री सेल्सियस ही कम था."
भविष्य के आसार भी बेहतर नहीं
आने वाले दिनों में भी राहत की उम्मीद नहीं दिखती. इसकी वजह है अल नीनो, जो 2018-2019 के बाद फिर लौटा है. इसके असर से तापमान और ज्यादा बढ़ने की आशंका है. हाल ही में कोपरनिकस ने यह खुलासा किया था कि मई में महासागरों का तापमान भी बीते किसी मई से ज्यादा रहा.
पेरिस जलवायु समझौता
जून 2023 के शुरुआती दिनों में वैश्विक तापमान, औद्योगिक क्रांति के पहले के स्तरों के मुकाबले डेढ़ डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा. यह बात ध्यान खींचने वाली है क्योंकि 2015 के पेरिस समझौते में इस तापमान को ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए सबसे महत्वाकांक्षी सीमा माना गया था.
मायने रखती है एक-एक डिग्री
जहां जून में इस सीमा का उल्लंघन पहली बार हुआ है, वहीं हालिया सालों में सर्दी और वसंत के मौसमों में ऐसा कई बार हो चुका है. बरजेस बताती हैं, "अगर हमें जलवायु परिवर्तन के गंभीर नतीजों से बचना है, तो एक-एक डिग्री का एक-एक अंश मायने रखता है."
अल नीनो का असर
अल नीनो, जलवायु से जुड़ा एक पैटर्न है जो औसतन हर दो से सात साल पर आता है. स्पैनिश भाषा में अल नीनो का मतलब होता है, लिटिल बॉय यानी छोटा लड़का. दुनिया के कुछ सबसे गर्म दर्ज सालों के पीछे इसका असर माना जा सकता है.
और बढ़ेगा तापमान
वैज्ञानिकों को डर है कि अल नीनो के कारण सिर्फ इस बरस गर्मी में ही नहीं, बल्कि अगले साल भी जमीन और समुद्र में रिकॅार्ड तापमान दिख सकता है.