जिंबाब्वे में महंगे इंटरनेट की मार
दुनिया में इंटरनेट के जरिए बिजनेस फल-फूल रहा है लेकिन जिंबाब्वे में महंगा इंटरनेट कारोबार पर गहर असर डाल रहा है. अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि बढ़ती लागत ने डिजिटल विभाजन को गहरा कर दिया है.
महंगा डाटा
जब जिंबाब्वे में इंटरनेट डाटा महंगा हुआ तो जॉयस कपवुमफुटी को निराशा हुई. उनका कैटरिंग का बिजनेस एक हफ्ते के लिए ऑफलाइन रहा जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा. इंटरनेट तक पहुंच नहीं होने के कारण उन्हें शादी के केक, बिजनेस लंच और फ्रॉस्टेड कप केक के ऑर्डर नहीं मिल पाए.
और भी खर्च
जॉयस को इंटरनेट डाटा के अलावा घर के खर्च और दो बच्चों को लिए भोजन का इंतजाम करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. वो कहती हैं, "ऑनलाइन विज्ञापन और मार्केटिंग करते समय मुझे सप्ताह में कम से कम पांच ग्राहक मिलते थे, लेकिन जब मेरे पास इंटरनेट डाटा नहीं है, तो मैं भाग्यशाली हो जाऊंगी अगर मुझे दो ग्राहक मिल जाएं."
आसमान छूती कीमत
जिंबाब्वे में इंटरनेट की कीमत आसमान छू रही है. इस वजह से लोगों को बुनियादी सेवाओं या पढ़ाई करने में काफी दिक्कत पेश आ रही है. कई लोगों के लिए बिना इंटरनेट रिमोट काम करना भी मुश्किल हो रहा है.
इतना महंगा इंटरनेट
इकोनेट वायरलेस जिंबाब्वे, जोकि देश का प्रमुख मोबाइल ऑपरेटर है, उसने अक्टूबर 2023 में डाटा की कीमतों में 100 फीसदी की बढ़ोतरी की. अब एक जीबी डाटा की कीमत औसतन 3.54 डॉलर यानी 300 रुपये के करीब है.
"खास लोगों तक ही पहुंच"
एक गैर-सरकारी संगठन मीडिया इंस्टीट्यूट ऑफ सदर्न अफ्रीका (एमआईएसए) के जिंबाब्वे चैप्टर के साथ पहले काम कर चुके डिजिटल अधिकार कार्यकर्ता नोम्पिलो सिमंजे ने कहा, "इंटरनेट का इस्तेमाल एक विलासिता तक सीमित कर दिया गया है जिसे केवल कुछ खास लोग ही वहन कर सकते हैं."