अटलांटिस का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण
१७ नवम्बर २००९काउंटडाउन के बाद फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेश सेंटर से नासा के अंतरिक्षा यान अटलांटिस ने उड़ान भरी. सोमवार को अटलांटिस के सफल प्रक्षेपण के दौरान आम लोग भी आईएसएस यान की उड़ान देखने के लिए स्पेश सेंटर पहुंचे. नासा आईएसएस श्रेणी के अंतरिक्ष यानों को अगले साल 2010 में रिटायर कर रहा है. इस लिहाज़ से आईएसएस की इस उड़ान को बेहद भावुकता के साथ विदा किया गया.
आईएसएस अगले 11 दिन अंतरिक्ष में रहेगा. इस दौरान उसमें सवार छह यात्रियों में तीन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत करेंगे. तीनों यात्रियों को 36 घंटे तक चहलकदमी करते हुए दो अहम उपकरण अंतरिक्ष स्टेशन पर लगाने हैं. भेजे गए उपकरणों का वजन 12,360 किलोग्राम है. नासा के अधिकारियों के मुताबिक नए उपकरण लगाए जाने बेहद ज़रूरी हैं.
नासा के मुताबिक 2010 में रिटायरमेंट से पहले आईएसएस यानों को पांच उड़ाने भरनी हैं.
नासा 2020 में चांद पर इंसान को फिर उतारने की तैयारी कर रहा है. भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए नासा आरएस फर्स्ट-एक्स रॉकेट का इस्तेमाल करेगा. आरएस फर्स्ट- एक्स का सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया जा चुका है. इस रॉकेट को 2015 से इस्तेमाल में लाया जाएगा. इस दौरान 2010 से 2015 के बीच नासा अपने अंतरिक्ष यात्रियों को रूसी यानों के ज़रिए भेजेगा. नासा 2020 में चांद पर इंसान को फिर उतारने की तैयारी कर रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़