अफ्रीका में गहरी पैठ बनाता आतंकवाद
बोको हराम अफ्रीका में हिंसा फैलाने वाला एकमात्र संगठन नहीं है. इस्लाम की अपनी अपनी व्याख्याएं देने वाले कई गुट लोगों की जान के दुश्मन बने हुए हैं.
बोको हराम, नाइजीरिया
बोको यानी पश्चिमी शिक्षा. यह गुट 2002 से नाइजीरिया में सक्रिय है. 2009 में इसे सेना के हाथों मुंह की खानी पड़ी, लेकिन अगले ही साल यह एक बार फिर सक्रिय हो गया. तब से यह गुट कई चर्चों को अपना निशाना बना चुका है. इस पर सैकड़ों लड़कियों को अगवा करने, हत्याओं और बड़े पैमाने पर तबाही मचाने के कई आरोप हैं.
अल शबाब, सोमालिया
2008 में सोमालिया के इस गुट को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया. इसी साल अल शबाब ने आगे बढ़ कर आतंकी संगठन अल कायदा से हाथ मिला लिए. अमेरिका ने 2012 में अल शबाब के सात आतंकवादियों को अपनी मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में भी डाला.
अनसर दिने, माली
अनसर दिने यानि धर्म के रखवाले. माली में सक्रिय यह गुट देश में शरिया कानून लागू करना चाहता है. कभी अनजान सा रहा यह संगठन 2012 में तुआरेग विद्रोहियों की शाखा के तौर पर उभरा.
मूजाओ, पश्चिमी अफ्रीका
मूजाओ यानि मूवमेंट फॉर द यूनिटी एंड जिहाद इन वेस्ट अफ्रीका. यह गुट कथित रूप से अफ्रीका में लोगों को जिहाद का सही मतलब समझाने के लिए बनाया गया था. मूजाओ अल्जीरिया के कई राजदूतों को अगवा कर चुका है.
एक्यूआईएम, उत्तरी अफ्रीका
यानि अल कायदा इन इस्लामिक मघरेब. इस गुट की शुरुआत 2006 में हुई. उस समय अल्जीरियाई इस्लामिक लड़ाकों के संगठन इस्लामिस्ट सलाफिस्ट ग्रुप फॉर प्रीचिंग एंड कॉम्बैट ने अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराने की योजना बनाई थी. उसी के जवाब में यह गुट बना.