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अब उभरते बाजारों पर हमला करेगी टोयोटा

९ मार्च २०११

जापानी कार कंपनी टोयोटा ने मुनाफा बढ़ाने के लिए नई रणनीति बनाई है. अब वह उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर ध्यान देगी. कंपनी का मकसद है कि 2015 तक उसकी बनाई आधी गाड़ियां इन्हीं देशों में बिकने लगें.

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तस्वीर: AP

टोयोटा ने कहा कि इस रणनीति जरिए वह जल्द से जल्द 12 अरब यूरो का मुनाफा कमाने की उम्मीद कर रही है. कंपनी का ग्लोबल विजन पेश करते हुए अध्यक्ष आकियो तोयोदा ने कहा कि सिर्फ चीन से वह अपनी कुल बिक्री का 15 फीसदी हिस्सा चाहते हैं.

इस कार कंपनी ने पिछले दो साल काफी मुश्किल में बिताए हैं. पहले आर्थिक मंदी की मार झेलनी पड़ी और उसके बाद तकनीकी खामी की वजह से लाखों गाड़ियां वापस लेनी पड़ीं. लेकिन नई योजना से कंपनी अपनी छवि सुधारने के साथ साथ मुनाफा भी कमाना चाहती है. इसके लिए कंपनी की नजर उभरते बाजारों पर है. 2010 में टोयोटा की कुल बिक्री का 40 फीसदी इन्हीं बाजारों से हासिल हुआ.

नई रणनीति में पर्यावरण के अनुकूल कारों को भी तवज्जो दी गई है. कंपनी ने कहा, "उभरते बाजारों में अपनी बिक्री बढ़ाकर कंपनी जापान, अमेरिका, यूरोप और बाकी बाजारों के बीच संतुलन बनाना चाहती है."

इस साल कंपनी को 550 अरब येन का मुनाफा होने का अनुमान लगाया गया है लेकिन वह जल्द से जल्द एक खरब येन का लक्ष्य हासिल करना चाहती है. इसके लिए टोयोटा कई कड़े कदम उठा रही है. मसलन इसके निदेशकों की तादाद 27 से घटाकर 11 करने का फैसला किया गया है. इसे फैसले लेने की प्रक्रिया को तेज करने के कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है.

2008 में टोयोटा ने जनरल मोटर्स से दुनिया की सबसे बड़ी कार कंपनी होना का खिताब छीन लिया था. अमेरिकी कंपनी जनरल मोटर्स इस खिताब पर 77 साल तक काबिज रही. लेकिन जब से टोयोटा सबसे बड़ी कंपनी बनी, तब से उसके सिर पर मुश्किलें ही मुश्किलें आ रही हैं. उसका घरेलू बाजार सिमट रहा है. जापानी मुद्रा येन के मजबूत होने से भी उसे नुकसान हुआ.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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