अब रोबोट वाला कुत्ता साथ लेकर टहलने जाइए
८ अप्रैल २०२१यह रोबोटिक कुत्ता सेंसरों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से देखता और सुनता है. इसे साथ लेकर आप टहलने भी जा सकते हैं. इसे बनाने वाली कंपनी वाइलान के मुख्य तकनीकी अधिकारी मा जी का कहना है, "यह असली कुत्ते से काफी मिलता जुलता है." अल्फा डॉग को "स्पॉट" के पदचिन्हों पर ही बनाया गया है. चार पैरों वाले "स्पॉट" को बोस्टन डायनेमिक्स ने औद्योगिक इस्तेमाल के लिए बनाया था जिसका वीडियो यूट्यूब में आने के बाद इंटरनेट पर सनसनी फैल गई थी.
चीन के नानजिंग में अल्फाडॉग को बनाने वाले लोगों ने इसके जरिए आम लोगों तक पहुंचने की योजना बनाई है. उनका दावा है कि 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भागने और किसी पप्पी की तरह उछल कूद करने वाला कुत्ता बाजार में सबसे तेज है. धातु से बने इसके चारों पांव इसे असली कुत्ते से ज्यादा स्थिरता देते हैं.
रोबोट में 5 जी का इस्तेमाल
मा जी ने बताया, "यह घर्षण को पहले से जान लेता है और जमीन की ऊंचाई को भी ताकि उसके हिसाब से अपनी ऊंचाई कम या ज्यादा कर सके, यह अपनी उछाल को व्यवस्थित कर सकता है और वातावरण के हिसाब से खुद को ढालने में भी सक्षम है." रोबोट खुद से ऑपरेट कर सके इसलिए इसमें 5जी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसके जरिये इसके रिएक्शन टाइम को बेहद कम रखने में सफलता मिली है.
चीन में साम्यवादी नेता माओ त्से तुंग के शासन में कुत्ता पालने पर पाबंदी थी. हालांकि उसके बाद से यह देश में बड़ी तेजी से बढ़ी. रोबोटिक कुत्ता भी बड़ी तेजी से चीनी घरों में अपनी जगह बना रहा है. बाजार में उतरने के पहले महीने में ही 2400 डॉलर की भारी कीमत के बावजूद 1800 से ज्यादा अल्फा डॉग बेचे जा चुके हैं.
रोबोटिक्स में भारी निवेश
चीन अपने कामगारों को ज्यादा कुशल बनाना चाहता है. इस कोशिश में रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भारी निवेश किया जा रहा है. रोबोटों का इस्तेमाल पार्सल डिलीवर करने, रेस्तरां में खाना परोसने, स्टेशनों पर सूचना देने और यहां तक कि कोविड-19 के लिए टेस्ट करने में पहले से ही हो रहा है. अल्फा डॉग बनाने वाले मानते हैं कि यह कुत्ता उन लोगों की मदद कर सकता है जिन्हें दिखाई नहीं देता. वह लोगों को सड़क पार करने और सुपरमार्केट से सामान लाने जैसे कामों में बड़ी मदद कर सकता है.
इस कुत्ते के सॉफ्टवेयर में बदलाव कर इसे आने वाले दिनों में भौंकने में भी सक्षम बनाया जाएगा. इसके बाद इसमें इंसानी आवाज भी डालने की योजना है ताकि यह अपने मालिक से बात भी कर सके.
एनआर/एमजे (एएफपी)