अमानो आईएईए के नए निदेशक
२ जुलाई २००९अंतर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी के प्रधान के चुनाव में दो-तिहाई मत प्राप्त करना ज़रूरी होता है. कई महीनों से उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला जारी था. युकिया अमानो के मुख्य प्रतिद्वंद्वी थे दक्षिण अफ़्रीका के राजनयिक अब्दुल समद मिंटी, जिन्हें अनेक विकासशील देशों का समर्थन मिल रहा था. पश्चिम के देश आमानो का समर्थन कर रहे थे.
युकिया आमानो एजेंसी के प्रधान के पद को राजनीतिक नहीं, बल्कि किसी हद तक एक प्रबंधक का पद मानते हैं. उन्होंने कहा है कि वे जांच के लिए परमाणु उर्जा एजेंसी के तकनीकी प्रत्यादेश पर पूरी तरह से अमल करेंगे और संगठन के प्रबंधन में चुस्ती लाएंगे. उन्हें ईरान के साथ परमाणु विवाद में अमेरिकी रुख का समर्थक माना जाता है. यह भी एक कारण है कि कई विकासशील देशों को डर था कि वे इस पद पर संभवतः निष्पक्ष नहीं होंगे. वे चाहते थे कि व्यापक सहमति के आधार पर किसी उम्मीदवार को चुना जाए. वियना से प्राप्त समाचारों के अनुसार आमानो को गवर्नर बोर्ड में 35 में से 23 सदस्यों का समर्थन मिला, जबकि एक सदस्य तटस्थ रहे. उनके चुनाव को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी में विकसित और विकासशील देशों के बीच विभाजन का सूचक माना जा रहा है, जिसे पाटना उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती है.
आमानो को ईरान के संवेदनशील परमाणु कार्यक्रम के अलावा सीरिया की परमाणु गतिविधियों की जांच के सवाल से भी निपटना पड़ेगा. इसके अलावा उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण भी उनके पद के लिए एक चुनौती बने रहेंगे. 6 दौर के चुनाव के बाद वे इस पद पर आ रहे हैं, लेकिन समस्याओं से निपटने के लिए उन्हें इससे कहीं अधिक दौरों की ज़रूरत होगी. युकिया आमानो इस बारे में सचेत हैं. चुनाव के बाद अपने पहले वक्तव्य में उन्होंने कहा है कि उन्हें इसके लिए पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण - सभी दिशाओं के देशों की एकजुटता की ज़रूरत है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: आभा मोंढे