अमेरिका की नाक में दम कर रखा था ओसामा ने
२ मई २०११2001 में अमेरिका पर अपहृत यात्री विमानों के जरिए आत्मघाती हमला किया गया जिसमें 3000 से अधिक लोग मारे गए. 9/11 के हमलों के एक महीने बाद ओसामा बिन लादेन ने कहा था, "अमेरिका पर सर्वशक्तिमान ईश्वर ने उसके सबसे अहम अंगों पर चोट की है."
बुश के दो कार्यकाल
ओसामा ने मुसलमानों से उठ खड़े होने और "वफादारों और काफिरों" के बीच वैश्विक लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया था. तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने ओसामा बिन लादेन को जिंदा या मुर्दा पकड़ने की घोषणा की थी और उनके दो कार्यकालों की प्राथमिकता अलकायदा के खिलाफ आतंकवाद विरोधी संघर्ष रही.
समय समय पर ओसामा के रिकॉर्डेड टेप आते रहे और उसने बुश के उत्तराधिकारी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मुसलमानों के साथ नई शुरुआत की पेशकश ठुकरा दी. व्यापक रूप से माना जा रहा था कि वह पाकिस्तान में छुपा हुआ है और अमेरिका ने ड्रोन हमलों के जरिए उस पर दबाव बढ़ा दिया था.
फिर भी जारी रहे हमले
2009 के बाद से राजनीतिक और सैन्य दबाव बढ़ाए जाने के बावजूद सउदी मूल के आतंकी सरगना की नीति छोटे हमलों की रही जो दुनिया भर फैले समर्थकों और सहयोगी गुटों द्वारा किए जाते रहे. अल कायदा के समर्थक संगठन यमन, इराक और उत्तरी अफ्रीका में बनते रहे और वे बाली से लेकर ब्रिटेन और अमेरिका तक हमलों को प्रेरणा देते रहे. 2009 में एक नाइजीरियाई ने डेट्रॉयट के ऊपर एक विमान को गिराने की विफल कोशिश की.
ओसामा बिन लादेन के सिर पर ढ़ाई करोड़ डॉलर का इनाम था. और जाना पहचाना चेहरा होने के बावजूद वह 10 साल तक अमेरिकी और पूरी दुनिया की सुरक्षा एजेंसियों की आंख में धूल झोंकता रहा. अब वह पाकिस्तानी राजधानी इस्लामाबाद के बाहर एक हवेली में सीआईए की कार्रवाई में मारा गया है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उसका शव बरामद कर लिया गया है. इसके साथ दुनिया के इतिहास का सबसे लंबा और खर्चीला खोजी अभियान समाप्त हो गया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: वी कुमार