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विवाद

अमेरिका ने भारतीय कैप्टन को रिश्वत देने की भरपूर कोशिश की

५ सितम्बर २०१९

ईरान के तेल टैंकर की कमान संभाल रहे भारत के कैप्टन अखिलेश कुमार को एक अमेरिकी अधिकारी ने लाखों डॉलर की रिश्वत देने की पेशकश की. अखिलेश ने इनकार कर दिया. अब अखिलेश पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिए हैं.

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Spanien Gibraltar | In Adrian Darya 1 umbenannter Grace 1 Supertanker
तस्वीर: Reuters/J. Nazca

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईरानी तेल टैंकर के कैप्टन को लाखों डॉलर देने की पेशकश की. उस ईरानी तेल टैंकर की कमान एक भारतीय कैप्टन के हाथ में थी. अमेरिकी अधिकारी चाहते थे कि कैप्टन तेल टैंकर को ऐसी जगह लेकर आए, जहां उसे सीज किया जा सके.

फाइनेंशियल टाइम्स अखबार के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्रालय में ईरान मामले के अधिकारी ब्रायन हुक ने ऐसा किया. हुक ने कैप्टन अखिलेश कुमार को कई ईमेल भेजे. एक ईमेल में हुक ने लिखा, "मैं आपको अच्छी खबर बताने जा रहा हूं." इसके बाद लाखों अमेरिकी डॉलर नगद देने का जिक्र किया गया. भारतीय कैप्टन से कहा गया कि इस रकम से वह पूरी जिंदगी आसानी से बिता सकता है. इसके बदले कैप्टन अखिलेश कुमार को एड्रियान दारया 1 नाम के ऑयल टैंकर को ऐसी जगह ले जाना था, जहां उसे सीज किया जा सके.

अखिलेश कुमार ने अमेरिकी अधिकारी की पेशकश को नजरअंदाज कर दिया. अमेरिकी ट्रेजरी मंत्रालय के मुताबिक अखिलेश कुमार और जहाज पर प्रतिबंध लग चुके हैं. प्रतिबंधों के तहत अखिलेश कुमार की अगर अमेरिका में कोई भी संपत्ति होगी तो उसे फ्रीज किया जाएगा. अखिलेश कुमार के साथ होने वाला कोई भी अमेरिकी लेन देन अपराध की श्रेणी में आएगा.

अखबार की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, "हमने फाइनेंशियल टाइम्स का आर्टिकल देखा है और हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि उसमें दी गई जानकारियां सटीक हैं."

विदेश मंत्रालय भी प्रवक्ता ने यह भी कहा, "हमने जहाजों के कई कप्तानों और शिपिंग कंपनियों से भी संपर्क किया, उन्हें चेतावनी दी गई कि अगर उन्होंने विदेशी आतंकवादी संगठन की मदद की तो नतीजे भुगतने होंगे." अमेरिका, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को आतंकियों की श्रेणी में रख चुका है.

Spanien Gibraltar | In Adrian Darya 1 umbenannter Grace 1 Supertanker
जिब्राल्टर में एड्रियान दारया 1तस्वीर: Reuters/J. Nazca

जुलाई में एड्रियान दारया 1 को जिब्राल्टर के पास ब्रिटेन के ओवरसीज इलाके में जब्त कर लिया गया. आरोप लगाया गया कि टैंकर ईरान से निकलकर सीरिया जा रहा था. सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद पर यूरोपीय संघ ने प्रतिबंध लगा रखे हैं, इन्हीं प्रतिबंधों का हवाला देकर जहाज को जब्त किया गया. करीब छह हफ्ते बाद 18 अगस्त को जिब्राल्टर ने टैंकर को रिलीज कर दिया. जिब्राल्टर ने अमेरिका को लिखित आश्वासन दिया कि टैंकर यूरोपीय संघ द्वारा प्रतिबंधित देशों में नहीं जाएगा. आश्वासन के बाद भी अमेरिका ने इसका विरोध किया. अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि 43 साल के अखिलेश कुमार ने जिब्राल्टर में फिर से जहाज की कमान संभाली. फिलहाल जहाज लेबनान के आस पास बताया जा रहा है.

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अमेरिका और हुक पर निशाना साधा है. जरीफ ने ट्वीट किया, "डाका डालने में नाकाम होने के बाद अमेरिका खुले तौर पर ब्लैकमेल करने लगा है- हमें ईरान का तेल दो और लाखों डॉलर पाओ या फिर प्रतिबंध झेलो."

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने जरीफ के ट्वीट के शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा है कि ईरान "खुले तौर पर ब्लैकमेल" कर रहा है. वह यूरोपीय ताकतों से 15 अरब डॉलर मांग रहा है, जिसे भविष्य में तेल बिक्री से मिली रकम से चुकाया जाएगा.

तेहरान का कहना है कि अगर उसे 15 अरब डॉलर मिले तो वह 2015 हुए परमाणु समझौते की शर्तों का पालन करेगा. अगर रकम नहीं मिली तो ईरान यूरेनियम का संवर्धन शुरू कर देगा. पश्चिमी देशों को शक है कि ईरान परमाणु बम बनाना चाहता है. वहीं ईरान का कहना है कि परमाणु कार्यक्रम ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए है. शिया बहुल ईरान को एटम बम बनाने से रोकने के इरादे से ही 2015 में परमाणु समझौता हुआ था. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस समझौते से अमेरिका को बाहर कर दिया और ईरान पर फिर प्रतिबंध लगा दिए.

ओएसजे/एनआर (एएफपी)

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(इन देशों पर अमेरिका ने लगा रखे हैं प्रतिबंध)