अमेरिकी ड्रोन की नकल बनाने में जुटा ईरान
२२ अप्रैल २०१२ईरान की मीडिया ने इस बारे में रविवार को खबर दी है. मेहर न्यूज एजेंसी के मुताबिक ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड के एयरोस्पेस डिवीजन के प्रमुख जनरल आमिर अली आजीजादेह ने कहा है कि इंजीनियर ड्रोन के डाटा को डिकोड करने के आखिरी चरण में हैं. ईरान का कहना है कि इस ड्रोन मिसाइल ने पिछले साल अफगानिस्तान की सीमा पर ईरानी सैनिकों ने मार गिराया था. अमेरिका इस दावे को झूठा बताता है उसका यह भी कहना है कि लॉकहिड मार्टिन के बनाए इस ड्रोन विमान से ईरान को कोई भी अहम जानकारी नहीं मिलेगी.
ईरान की फार्स समाचार एजेंसी ने हाजीजादेह का बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है, "अमेरिकियों को यह पता होना चाहिए कि हम किस हद तक इस विमान में घुस चुके हैं. हमारे जानकारों को इसके अलग अलग हिस्सों और प्रोग्राम की पूरी जानकारी है." ईरान की सेना नियमित रूप से अपने रक्षा और इंजीनियरिंग के विकास के बारे में जानकारी देती है. हालांकि कुछ जानकार उनकी रिपोर्ट के भरोसेमंद होने के बारे में सवाल उठाते रहते हैं.
ड्रोन यानी आरक्यू 170 चालक रहित विमान है जो बेहद छोटा और ताकतवर है. दुश्मन के इलाके में घुस कर वहां की टोह लेने के साथ ही यह हमले में भी काफी मददगार साबित होता है. 2010 से ही अफगानिस्तान और पाकिस्तान में इसका अमेरिका सेना जम कर इस्तेमाल कर रही है. पाकिस्तान की अफगानिस्तान से लगती सीमा पर अमेरिका सेना आए दिन इन विमानों की मदद से हमले कर रही है जिसमें चरमपंथियों के साथ ही आम लोगों की भी जान गई है. जानकारों के मुताबिक पिछले साल ओसामा बिन लादेन के बारे में जानकारी जुटाने में भी इसने काफी मदद की थी.
एक ईरानी रक्षा अधिकारी ने बताया कि ईरान को इस बारे में जानकारी देने के कई प्रस्ताव मिले हैं. उन्होंने यह भी बताया कि चीन और रूस ने खासतौर से इसमें दिलचस्पी दिखाई है. इस विमान के ईरान के हाथ लगने पर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी ने चिंता जताई थी. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को डर है कि यह आधुनिक तकनीक उन देशों के हाथ में पड़ सकती है जो बिना चालक वाले विमान बना रहे हैं. विशेष चिंता इसकी बाहरी दीवार को ले कर है जिसकी वजह से इसका पता लगा पाना बेहद मुश्किल हो जाता है.
एनआर/एएम(रॉयटर्स)