'अरुणाचल में राजनीतिक बयान न दें दलाई लामा'
१ अक्टूबर २००९एनडीटीवी न्यूज़ चैनल के साथ बातचीत में विदेश मंत्री ने कहा कि दलाई लामा एक आध्यात्मिक गुरु हैं और वह भारत में जहां चाहे यात्रा कर सकते हैं बशर्ते के वह कोई राजनीतिक बयान नहीं दें. दलाई लामा नवंबर में अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर जा रहे हैं लेकिन चीन को उनकी यात्रा पर आपत्ति है क्योंकि उसके मुताबिक़ यह यात्रा दिखाती है कि दलाई लामा अलगाववादी हैं.
चीन के साथ नियंत्रण रेखा पर चीन के सैनिकों की कथित घुसपैठ की रिपोर्टों पर एसएम कृष्णा ने कहा कि ऐसी गतिविधियों के बढ़ने के सबूत नहीं हैं.
प्रणब मुखर्जी ने साफ़ शब्दों में कहा कि भारत अरुणाचल प्रदेश को देश का अटूट हिस्सा मानता है. ईटानगर में एक प्रेस कांफ़्रेंस को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा," हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि अरुणाचल के मुद्दे पर संप्रभु अधिकार छोड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
चीन के साथ सीमा विवाद पर पिछले 6-7 सालों में 11 दौर की बातचीत हो चुकी है और हमने बार-बार कहा है कि अरुणाचल पर चीन के दावे को भारत स्वीकार नहीं कर सकता."
वित्त मंत्री के अनुसार भारत तिब्बत को चीन के स्वायत्तता प्राप्त क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है. पारंपरिक रास्तों से तिब्बत के साथ व्यापार 1962 की लड़ाई के बाद रुक गया था. पत्रकारों से आग्रह करते हुए मुखर्जी ने कहा, आपसे अनुरोध है कि आप इस क्षेत्र का नाम ध्यान से चीन का स्वायत्तता प्राप्त क्षेत्र तिब्बत लिखें क्योंकि इसके अंतरराष्ट्रीय मायने हैं."
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा