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अल्जाइमर का पता खून की जांच से

९ अप्रैल २०१२

अल्जाइमर ऐसी बीमारी है जिसका जितनी जल्दी पता लग जाए उतना अच्छा. लेकिन शुरुआती जांच भी काफी महंगी है. दुनिया भर के वैज्ञानिक अल्जाइमर का सस्ता और आसान परीक्षण ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं.

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तस्वीर: Fotolia/Franz Pfluegl

ऑस्ट्रेलिया की न्यूकासल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि वह अल्जाइमर का पता खून की जांच से लगा पाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. यह खून की जांच महंगी ब्रेन इमेजिंग तकनीक की जगह ले सकेगी ऐसा दावा इन शोधकर्ताओं ने किया है. शोधकर्ता पाब्लो मोस्काटो ने बताया, "इमेजिंग तकनीक से इसका पता बहुत देर से चलता है. तब तक यह बीमारी दिमाग को काफी नुकसान पहुंचा चुकी होती है. अगर इसका पता पहले चल जाए तो दवा देने की संभावना होती है. बढ़ता मार्केट देख कर दवा कंपनियां भी नई दवाएं बनाएंगी."

शोधकर्ता का लक्ष्य है कि 50 डॉलर में ही बिलकुल सटीक जांच हो सके. यह जांच दो बार की जाएगी और इससे पता लग सकेगा कि दिमागी गड़बड़ी आगे अल्जाइमर का खतरा बनेगी या नहीं.

पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस (पीएलओएस) की वन पत्रिका में शोध में प्रगति के बारे में रिपोर्ट छापी गई है.मोस्काटो ने बताया, "हम प्रोटीन की जोड़ी की तलाश कर रहे हैं. बेसलाइन चेक अप करने के बाद सबसे अच्छा है कि दूसरी टेस्ट साल भर बाद करें. फिर तुलना करें कि प्रोटीन की जोड़ी में क्या बदलाव आया है. आंकड़ों का तेजी से बदलते जाना खतरे की घंटी है."

भूलने और माइल्ड कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट नाम से जानी जाने वाली बीमारी हमेशा अल्जाइमर में तब्दील हो जाए ऐसा जरूरी नहीं है. कई बार दिमाग ठीक से काम करता रहता है और कई बार भूलने की बीमारी गंभीर अल्जाइमर में तब्दील हो जाती है.

एएम/एनआर(डीपीए)

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