भारत में छिड़ी अश्लीलता और अभिव्यक्ति की सीमा में जंग
५ फ़रवरी २०१५यूट्यूब के एक लोकप्रिय कॉमेडी चैनल एआईबी ने "रोस्टेड" नाम का यह कार्यक्रम दिसंबर में लाइव ऑडिएंस के सामने रिकार्ड किया था. इसकी मेजबानी की थी फिल्म निर्माता करन जौहर ने, और फिल्म और टीवी की दुनिया समेत कई आम लोगों ने इसे अपनी आंखों के सामने देखा. कार्यक्रम में कभी मजाकिया तो कभी बेहद अभिनीत अंदाज में ना केवल हंसी मजाक हुआ बल्कि खुलकर भद्दी भद्दी गालियां भी दी गईं. पश्चिम में पहले से इस्तेमाल हो रहा यह फॉरमेट भारत में बहुत कम ही दिखा है. एआईबी नॉकआउट कहे जाने वाले इस शो में अपमानजनक और सेक्सुअल टिप्पणियों की भरमार है. रिलीज होने के कुछ ही दिनों के अंदर 80 लाख से भी ज्यादा लोगों ने इसे यूट्यूब पर देखा.
इस शो को बहुत तीखी आलोचनाओं का शिकार भी बनना पड़ा. कुछ धार्मिक समूहों ने पुलिस से इसके निर्माताओं के खिलाफ कार्यवाई करने की अपील की. महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. बुधवार को इस विवादित शो को हटाने के बाद शो के निर्माताओं ने बताया कि वे ऐसा "व्यवहारिक" कारणों से कर रहे हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी पर लगाई जा रही रोक पर सवाल उठने चाहिए.
मुंबई स्थित कॉमेडी समूह 'ऑल इंडिया बकचोद' के निर्माताओं की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है, "यहां एक बड़ा सांस्कृतिक संवाद चल रहा है, और हम संवाद के उस हाशिए पर हैं, जहां इस पर बात हो रही है कि क्या कहना सही है." एआईबी ने आगे लिखा है, "यह संवाद अभी होने भी चाहिए क्योंकि हम जिस दुनिया में रह रहे हैं वह इतनी उलझी हुई है कि उसे चुपचाप रहकर नहीं चलाया जा सकता."
भारत में पहले भी ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जब सरकारी या खुद पर थोपे गए सेंसर लागू हुए. ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी की 1988 में आई किताब "दि सैटेनिक वर्सेज" को कथित रूप से इस्लाम के लिए अपमानजनक होने के कारण बैन कर दिया गया था. हाल ही में प्रसिद्ध तमिल भाषा के लेखक पेरुमल मुरुगन ने उनके लेखन के खिलाफ हो रहे कट्टरवादी हिंदू संगठनों के विरोध प्रदर्शनों से तंग आकर लेखन छोड़ने की घोषणा कर दी. एआईबी के "रोस्ट" की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब छाई हुई है. भारत में सेंसर बोर्ड के एक सदस्य ने जब ट्विटर पर इसे "स्टेज पर एक पॉर्न शो" कह डाला तो इसकी भी तीखी प्रतिक्रियाएं आईं. बॉलीवुड एक्टरों, डायरेक्टरों समेत सैकड़ों आम लोगों ने अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थन में टिप्पणियां कीं. एआईबी ने अपने संदेश में लिखा है, "हम अपने और हर किसी के, किसी भी मुद्दे पर कुछ भी कहने के लिए अभिव्यक्ति की पूरी आजादी पर विश्वास करते हैं."
आरआर/ओएसजे (एएफपी)