आदिमानव के नए ठिकाने का पता चला
४ अक्टूबर २०१०पुरातत्वविदों का मानना है कि इंसान खाने की तलाश में इतनी ऊंचाइयों तक पहुंचे. पपुआ न्यू गिनी, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में पत्थर के ऐसे औजार मिले हैं जो 50,000 साल पुराने हैं. कार्बन डेटिंग की मदद से इन औजारों की उम्र का पता लगाया गया है.
न्यूजीलैंड में ऑटैगो विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद ग्लेन समर्हेज ने बताया, "हाल के दिनों में यह इतनी ऊंचाई पर इंसानों के अस्तित्व के पहले प्रमाण हैं." अब तक विशेषज्ञ यह मानते आए थे कि आदिमानव अफ्रीका में बसते थे. बाद में वे अफ्रीका छोड़ कर अन्य गर्म स्थानों पर गए. समर्हेज का कहना है कि यह नई खोज इस धारणा को गलत साबित करती है. "यह मानव की अनुकूलनशीलता का प्रमाण है. हम मानते आए हैं कि आदिमानव ने अपने आप को गर्म तटीय क्षेत्रों के लिए ढाला था और ऐसा कर के वो खुद को पूरी पृथ्वी पर फैलाने में सफल रहे थे. लेकिन इस खोज से पता चलता है कि जितना हम सोचते आए हैं, उनकी अनुकूलनशीलता उससे काफी अधिक थी. इसीलिए वे ठंडी जगहों पर जा कर बस गए."
समर्हेज ने बताया कि नई खोज से यह भी पता चलता है कि उस समय भी इंसानों को पेड़ पौधों की जानकारी थी. वे इन पेड़ पौधों की खोज में और खासतौर से केवड़े की खोज में इतनी दूर निकल आए थे. केवड़े की खेती के लिए पहले उन्होंने इन ऊंचाइयों पर जंगलों को हटाया. इसके लिए पत्थर से कुल्हाड़ियां भी बनाईं. इन ऊंचाइयों पर दिन के समय अधिकतम तापमान बीस डिग्री हुआ करता था, लेकिन रात के समय यह हिमांक बिंदु तक पहुंच जाता था. इससे यह पता चलता है कि उनके पास इस सर्दी से बचने के लिए खास कपड़े भी थे, क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता, तो उनका वहां रहना असंभव था.
समर्हेज ने बताया कि इंसान अचानक से ही वहां जा कर नहीं बसे होंगे. उनके मुताबिक, "इस में एक दो साल नहीं, बल्कि काफी लंबा समय लगा होगा. मेरे ख्याल में उस समय भी उनके पास ऐसी कोई तकनीक थी जिससे वे समुद्र के रास्ते सफर कर सकें, लेकिन वह क्या था, यह मैं नहीं बता सकता."
रिपोर्ट: एजंसियां/ईशा भाटिया
सम्पादन: ए कुमार