आसियान से चीन का रिश्ता गहराया
२८ अक्टूबर २०२१दक्षिणपूर्वी एशिया चीन और अमेरिका के बीच एक सामरिक युद्धभूमि बन गया है इस प्रांत के देशों के साथ चीन के पहले इस समझौते पर हस्ताक्षर कर लेना ऑस्ट्रेलिया के लिए एक प्रतीकात्मक जीत है. चीन के साथ समझौते की घोषणा ब्रूनेई के सुल्तान हस्सनल बोल्किया ने एक समाचार सम्मेलन में की.
ऑस्ट्रेलिया ने आसियान के साथ समझौता हो जाने पर कहा था की वो दक्षिणपूर्वी एशिया में स्वास्थ्य और ऊर्जा, आतंक के खिलाफ लड़ाई, अंतरराष्ट्रीय जुर्म के खिलाफ लड़ाई और सैकड़ों छात्रवृत्तियां देने की परियोजनाओं में 15 करोड़ डॉलर निवेश करेगा.
इसी तरह के समझौते की चाह में चीन के प्रीमियर ली कीशिंग ने आसियान के नेताओं से मुलाकात भी की थी. सूत्रों ने बताया है कि नवंबर में आसियान के नेता चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग के साथ एक विशेष वर्चुअल शिखर सम्मेलन में मिलेंगे.
सम्मेलन में बोल्किया से भविष्य में आसियान के आयोजनों में म्यांमार की मौजूदगी के बारे में भी पूछा गया. म्यांमार की सैनिक सरकार के मुखिया मिन आंग लैंग को इसी सप्ताह कई एशियाई बैठकों से अलग कर दिया गया था. बोल्किया से जब पूछा गया कि क्या म्यांमार को आसियान से निकाला भी जा सकता है, तो उन्होंने जवाब दिया, "म्यांमार आसियान परिवार का एक अभिन्न सदस्य है और उसकी सदस्यता पर कोई सवाल नहीं उठाया गया है."
आसियान में म्यांमार का भविष्य
उन्होंने यह भी कहा, "आसियान हमेशा म्यांमार के लिए मौजूद रहेगा और हमने पांच सूत्री सर्वसम्मति को लागू करने की शर्त पर मदद की पेशकश अभी भी जारी रखी हुई है." लैंग ने आसियान के साथ इसी सर्वसम्मति को अप्रैल में ही मान लिया था लेकिन उन्होंने इसे लागू नहीं किया, जिसकी वजह से उन्हें अलग कर दिया गया.
लैंग ने युद्धस्थिति का अंत करने, बातचीत शुरू करने, मानवीय मदद शुरू करवाने और एक आसियान के एक विशेष राजदूत द्वारा मध्यस्थता की कोशिशों को आगे बढ़ाने का वादा किया था. बोल्किया ने पत्रकारों से कहा, "इस बैठक के लिए हमने म्यांमार को जगह दी है और उसके साथ अहस्तक्षेप जैसे आसियान चार्टर के सिद्धांतों को दृढ़तापूर्वक बनाए भी रखा है."
एक अलग समाचार सम्मेलन में बोलते हुए, मलेशिया के विदेश मंत्री सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि म्यांमार भविष्य में आसियान की बैठकों में शामिल होगा या नहीं. उन्होंने जोर दे कर कहा कि इस हफ्ते बैठक में हिस्सा ना लेने का फैसला म्यांमार का था. उनसे जब पूछा गया कि क्या म्यांमार आसियान के आयोजनों में भाग लेगा, तब उन्होंने कहा, "ये वो मिलियन डॉलर सवाल है जिसका जवाब मैं नहीं दे सकता."
सीके/एए (रॉयटर्स)