इंजन खराब होने पर विमान सुरक्षित नीचे उतरा
१५ अगस्त २०१९गुरुवार को रूस की उराल एयरलाइंस के विमान ने 226 यात्रियों और चालक दल के सात सदस्यों के साथ मॉस्को के झुकोव्स्की हवाई अड्डे से क्रीमिया के सिमफेरोपोल के लिए उड़ान भरी. उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड के बाद यह पक्षियों के एक झुंड से टकराया और इसके दोनों इंजन खराब हो गए. विमान के पायलट ने इसी खराब स्थिति में भी विमान को सुरक्षित नीचे उतार लिया. कुछ यात्रियों को चिकित्सा सहायता देनी पड़ी, केवल एक यात्री को अस्पताल में भर्ती किया गया.
पायलट के इस कारनामे की 2009 के "मिरैकल ऑफ हडसन" से तुलना की जा रही है. उस वक्त भी विमान चिड़िया से टकराने के कारण हादसे का शिकार होते होते बचा था क्योंकि पायलट ने विमान को हडसन नदी में सुरक्षित उतार कर यात्रियों की जान बचा ली. विमान के पायलट ने इसका जिक्र अपनी आत्मकथा में किया जिस पर एक फिल्म भी बनाई गई.
रूस के रोसावियात्सिया राज्य की एविएशन एजेंसी के प्रमुख आलेक्सांद्र नारोदको ने पत्रकारों को बताया कि चालक दल ने विमान के दोनों इंजन खराब होने के बाद उसे तुरंत रनवे से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर खेतों में उतारने का "बिल्कुल सही फैसला लिया." नारोदको ने कहा,"चालक दल ने हिम्मत और पेशेवर सूझबूझ दिखाई है और वो सरकार से उच्च सम्मान के हकदार हैं."
एयरलाइन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पायलट ने विमान के इंजन को उतरते वक्त बंद कर दिया ताकि ईंधन से भरे जहाज को आग लगने से बचाया जा सके. उरल एयरलाइंस ने आपातकाल में विमान को उतारने और यात्रियों को जहाज से तुरंत निकालने की व्यवस्था करने के लिए चालक दल की सराहना की है. कंपनी ने बताया है कि 41 साल के कैप्टेन दामिर युसुपोव बेहद अनुभवी पायलय हैं और 3000 घंटे से ज्यादा की उड़ान भर चुके हैं.
रूसी टीवी चैनलों पर मक्के के खेत में विमान और उसके पास खड़े लोगों की तस्वीरें दिखाई जा रही हैं. ये लोग पायलट को गले लगाकर अपनी जान बचाने के लिए शुक्रिया कह रहे हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्को ने पायलटों को "नायक" बता कर उनकी तारीफ की है और कहा है कि सरकार उनका सम्मान करेगी.
देश के आपदा मंत्रालय ने कहा है कि 55 लोगों को इस घटना के बाद चिकित्सा सहायता की जरूरत पड़ी. पांच बच्चों समेत 23 लोगों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन इनमें एक को छोड़ बाकी सभी को चेक आप और मामूली उपचार के बाद अस्पताल से भेज दिया गया.
विमान के इंजिन इस तरह डिजाइन किये जाते हैं कि वो कभी कभार चिड़ियों के टक्कर को झेल सकें लेकिन जब चिड़ियों का झुंड एक साथ टकराता है तो गंभीर समस्या पैदा हो जाती है. एयरपोर्ट पर बर्ड डिस्ट्रेस सिग्नल, एयर कैनन और दूसरे तरीकों से चिड़ियों को दूर भगाया जाता है लेकिन कई बार यह पर्याप्त नहीं होता. मीडिया में आई खबरों में कहा जा रहा है कि झुकोव्सकी की तरफ चिड़ियों का रुझान इस तरह हुआ क्योंकि पास ही में कचरा डालने की एक गैरकानूनी जगह है. हालांकि इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है.
एनआर/ओएसजे(एपी)
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