इंटरनेट जासूसी पर भी हुई चर्चा
१९ जून २०१३इंटरनेट की जासूसी और जर्मनी से ड्रोन हमले निर्देशित करने जैसे विवादों के बीच हुई मुलाकात में ओबामा ने अपनी खुफिया एजेंसियों का बचाव किया. मैर्केल के साथ हुई मुलाकात के बाद ओबामा ने कहा कि अमेरिका सामान्य अमेरिकी और यूरोपीय नागरिकों के ईमेल को नहीं खंगाल रहा. मैर्केल ने ओबामा को इंटरनेट निगरानी में अनुपात बनाए रखने की मांग की. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि टेलिकम्यूनिकेशन की निगरानी में ईमेल की सामग्री नहीं देखी जाती. इसके अलावा अदालतें इसकी निगरानी करती हैं. उन्होंने 50 ठोस खतरों को रोकने का दावा करते हुए कहा कि लक्ष्य जीवन की रक्षा है.
जर्मन चांसलर ने दुश्मनों द्वारा इंटरनेट के दुरुपयोग की बात स्वीकार की और साथ ही अमेरिका के साथ सुरक्षा सहयोग की सराहना की. उन्होंने कहा, "मैंने यह भी साफ किया सारी जरूरतों के बावजूद आनुपातिक कार्रवाई भी एक मुद्दा है. यह संतुलन का मामला है." मैर्केल ने ओबामा के साथ इस मुद्दे पर सूचना के खुले आदान प्रदान की बात तय की है. चांसलर ने कहा कि यह संवाद जारी रहेगा.
राष्ट्रपति के तौर पर पहली बार बर्लिन आने के उत्साह के बीच मैर्केल के साथ ओबामा की मुलाकात पर अमेरिकी खुफिया एजेंसी एनएसए के जासूसी प्रोग्राम प्रिज्म का साया था. एनएसए ने महत्वपूर्ण अमेरिकी कंपनियों के लाखों यूजर्स अकाउंट की जासूसी की है. सरकार में शामिल फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता फिलिप रोएसलर ने, जो उप चांसलर भी हैं, इस जासूसी प्रोग्राम पर चिंता जताई है. उन्होंने मुलाकात से पहले कहा कि इंटरनेट का आर्थिक लाभ इस बात पर भी निर्भर करेगा कि डाटा कितने सुरक्षित हैं.
ओबामा के औपचारिक दौरे की शुरुआत में राष्ट्रपति गाउक ने उनका विला बेलेव्यू में सैनिक सम्मान के साथ स्वागत किया. उसके बाद दोनों नेताओं की बातचीत हुई. गाउक ने ओबामा को कलाकार क्रिस्टॉफ नीमन की एक तस्वीर भेंट की जिसमें ब्रूकलिन ब्रिज को प्रतिबिंबित करते दो हाथ बने हैं. राष्ट्रपति ने उस पर लिखा, "डिप्लोमेसी: बराक ओबामा के लिए, सम्मान के साथ."
1945 के बाद से अमेरिका का हर राष्ट्रपति जर्मनी आया है. बहुत से दौरे जल्द ही भुला दिए गए लेकिन उनमें से कुछ ने शीत युद्ध के दौरान ऐतिहासिक महत्व हासिल किया है. दूसरे विश्व युद्ध के समाप्त होने के दो हफ्ते बाद ही राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने बर्लिन के निकट पोट्सडाम में ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेंट ऐटली और रूसी शासक जोसेफ स्टालिन के साथ युद्ध के बाद की व्यवस्था तय की.
जॉन एफ. केनेडी पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 1961 में बर्लिन दीवार बनने के बाद शहर का दौरा किया. 26 जून 1963 को शोएनेबर्ग टाउनहॉल के सामने दिए गए अपने भाषण के साथ उन्होंने इतिहास रचा. उन्होंने कहा, "इष बिन आइन बर्लिनर", मैं बर्लिनवासी हूं. इस भाषण के महत्व के करीब पहुंचने वाले अगले राष्ट्रपति रहे रोनाल्ड रेगन, जिन्होंने 1987 में शहर को विभाजित करने वाले ब्रांडेनबुर्ग गेट पर आकर सोवियत नेता मिखाइल गोर्वाचोव से अपील की, "मिस्टर गोर्बाचोव, इस दीवार को गिरा दीजिए."
अपने आठ साल के शासन में सबसे ज्यादा जर्मनी आनेवाले राष्ट्रपति बिल क्लिंटन रहे. उन्होंने पांच बार जर्मनी का दौरा किया. जर्मन एकीकरण के चार साल बाद 1994 में शहर के पूर्वी हिस्से में भाषण देने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने. उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया, "अमेरिका आपके पक्ष में है, अभी और हमेशा के लिए."
एमजे/एएम (एएफपी, डीपीए)