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इंडियन एयरलाइंस का वजूद खत्म

२७ फ़रवरी २०११

इंडियन एयरलाइंस की पहचान खत्म हो गई है. शनिवार मध्य रात्रि से इंडियन एयरलाइंस के 'आईसी' कोड का इस्तेमाल बंद हो गया है. अब एयर इंडिया की सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में 'एआई' कोड का इस्तेमाल ही किया जाएगा.

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तस्वीर: AP

2007 में घरेलू उड़ान सेवा उपलब्ध कराने वाली देश की सरकारी इंडियन एयरलाइंस और उसकी सस्ती विमानन सेवा कंपनी एलायंस एयर का एयर इंडिया में विलय किया गया. इसके बाद कॉरपोरेट कंपनी नेशनल एविएशन कंपनी ऑफ इंडिया, नासिल का गठन हुआ. इस विलय के बाद भी इंडियन एयरलाइंस के लिए ‘आईसी' कोड और अलायंस एयर के ‘सीडी‘ कोड का ही इस्तेमाल किया जाता रहा. वहीं एयर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 'एआई' कोड का इस्तेमाल होता रहा. लेकिन अब एयर इंडिया अपनी सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए एक ही कोड का इस्तेमाल करेगी. यह कोड ‘एआई' होगा.

नासिल के प्रबंध निदेशक अरविंद जाधव ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया और कहा, "इससे एक राष्ट्रीय विमानन सेवा के रूप में उभरने की हमारी प्रतिबद्धता मजबूत हुई है." जाधव ने कहा कि एआई के एकमात्र कोड का इस्तेमाल होने से विमान यात्रियों को काफी सुविधा होगी. इसके बाद एयर इंडिया का स्टार अलायंस में प्रवेश संभव हो जाएगा, जिससे विमान सेवा की पहुंच दुनिया के 181 शहरों के 1,160 हवाई अड्डों तक सुनिश्चित हो सकेगी.

अधिकारियों को उम्मीद है कि कोड को बदलने से लंबे समय से घाटे में चल रही कंपनी को कुछ फाएदा होगा. लेकिन बाजार के विशेषज्ञ ऐसा नहीं मानते. विशेषज्ञों के मुताबिक एयर इंडिया बेहद प्रतिस्पर्द्धा वाले एयरलाइन उद्योग में सुस्त सरकारी रफ्तार से चल रहा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: ओ सिंह

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