इटली के समुद्र में डूबे दर्जनों शरणार्थी
३ अक्टूबर २०१३गुरुवार को जहाज के टूटने के बाद राहतकर्मियों को मलबे में 40 शव मिले हैं. मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं. लांपेडूजा के पड़ोसी द्वीप इजोला डी कोनिली के पास 500 लोगों से भरे जहाज में आग लग गई और जहाज डूब गया. तटरक्षकों ने करीब 150 लोगों को बचाकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जबकि कई लोग खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे. निकोलिनी ने कहा, "दहशत का माहौल था." मीडिया रिपोर्टों के अनुसार शरणार्थी इरीट्रिया और सोमालिया के थे. वे दुर्घटना से करीब बारह घंटे पहले लीबिया के तट से यूरोप के लिए चले थे. शायद उन्होंने लोगों का ध्यान खींचने के लिए जहाज पर आग जलाई थी.
इटली के विदेश मंत्री अंजेलीनो अलफानो ने लांपेडूजा जाने की घोषणा की है. दुर्घटना से कुछ समय पहले 463 शरणार्थियों को लेकर एक जहाज लांपेडूजा पहुंचा था. अफ्रीकी शरणार्थी अच्छे मौसम में नियमित रूप से यूरोप पहुंचने की कोशिश करते हैं. लेकिन अक्सर समुद्री सफर के लिए अक्षम नावों में उनकी यात्रा का अंत मौत के रूप में होता है. इसी हफ्ते सोमवार को 13 लोग समुद्र में डूबकर जान गंवा बैठे थे. जुलाई 2008 से जुलाई 2009 के बीच 20,000 से ज्यादा शरणार्थी उत्तरी अफ्रीका से लांपेडूजा पहुंचे. उसके बाद सिल्वियो बैर्लुस्कोनी की सरकार की सख्ती के कारण संख्या में तेजी से कमी आई.
अरब देशों में राजनीतिक आंदोलनों की शुरुआत के बाद 2011 से शरणार्थियों की संख्या फिर से बढ़ने लगी. दसियों हजार लोग लांपेडूजा पहुंचे. स्थिति तब बिगड़ गई जब 6000 से ज्यादा शरणार्थी अमानवीय परिस्थितियों में वहां फंस गए. इटली की शरणार्थी परिषद के अनुसार वहां खुले अंतरिम कैंप में सिर्फ 400 बिस्तर हैं, लेकिन कभी कभी वहां 1000 से ज्यादा लोग होते हैं. दो साल पहले एक आग में वहां का शरणार्थी भर्ती कैंप आंशिक रूप से जल गया था, जिसकी अभी तक मरम्मत नहीं हुई है.
भूमध्य सागर में इटली का छोटा सा 20 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वाला द्वीप लांपेडूजा सिसिली के दक्षिण में स्थित है और अफ्रीका से नजदीक होने के कारण सालों से नाव से आने वाले शरणार्थियों के लिए यूरोप के दरवाजे की तरह है. 5000 की आबादी वाले लांपेडूजा से ट्यूनीशिया का तट सिर्फ 130 किलोमीटर दूर है.
एमजे/एएम (डीपीए)