ईद के दिन कश्मीर में फिर हिंसा
११ सितम्बर २०१०मीरवाइज ने लोगों से विरोध प्रदर्शनों के दौरान शांत रहने की अपील की. 10,000 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने हाथ में हरे झंडे लेकर भारत विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया. मीरवाइज ने कहा, "आज़ादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और कश्मीर की युवा पीढ़ी ने ठान लिया है कि वो हर कीमत पर इसे हासिल करके रहेगी." फारुक ने कहा भारत को मानना होगा कि कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय विवाद है.
इससे पहले भीड़ ने हजरतबल के पास पुलिस बैरिकेड में आग लगा दी. पुलिस सुपरिटेंडेंट मकसूद उल जमा ने बताया, "पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की. इसमें कोई भी घायल नहीं हुआ है." लाल चौक पर जमा प्रदर्शनकारियों को जब पुलिस ने हटाना चाहा तो वो तोड़फो़ड पर उतारू हो गए. उन्होंने कई गाड़ियों और सरकारी इमारतों को आग लगा दी और पुलिस बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की.
श्रीनगर और आसपास के इलाकों में ईद के मौके पर कर्फ्यू में ढील दी गई. ईद की नमाज के बाद कश्मीर के सभी प्रमुख शहरों में प्रदर्शन हुए. एक समाचार एजेंसी ने पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा है कि इलाके में तनाव है और प्रशासन इस पर निगाह रखे हुए है. कश्मीर में जून से ही विरोध प्रदर्शनों को सिलसिला चला आ रहा है. इन प्रदर्शनों में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर युवा हैं. अधिकतर लोगों की जान पुलिस फायरिंग में गई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए जमाल