ईरान का अभूतपूर्व हमला नाकामः इस्राएल
१४ अप्रैल २०२४मध्यपूर्व में अलग-अलग मोर्चे पर लंबे समय से चल रही अशांति शनिवार की रात ईरान के इस्राएल पर हमले के बाद और ज्यादा बढ़ गई. ईरान समर्थित गुटों और उसके सहयोगियों ने शनिवार की रात इस्राएल पर हमला किया. यरुशलम के अलग-अलग हिस्सों में लगातार सायरन और आकाश में धमाकों की आवाजें सुनाई दे रही थीं. यह सिलसिला रविवार सुबह तक जारी था.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस्राएल को "अटल" सहयोग की बात दोहराई है और इस संकट के गहराने पर अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई. राष्ट्रपति बाइडेन डेलावेयर का दौरा बीच में ही रद्द कर वाशिंगटन पहुंच गए. उन्होंने अमेरिका के सहयोगी जी7 देशों की भी बैठक बुलाने की बात कही.
ईरान की तरफ से इस हमले की आशंका पहले से ही अमेरिका समेत सभी पक्षों को थीं. 1 अप्रैल को सीरिया में ईरानी कॉन्सुलेट पर हवाई हमला कर उसे ध्वस्त कर दिया गया था. इस हमले में ईरान के दो जनरलों समेत 13 लोगों की मौत हुई थी. ईरान ने इस हमले का आरोप इस्राएल पर लगाया था और इसका जवाब देने की बात कही थी. इस्राएल ने इस हमले को ना स्वीकार किया है ना ही इससे इनकार.
ड्रोन और मिसाइलों से हमला
शनिवार देर रात इस्राएल ने कहा कि ईरान ने, "200 से ज्यादा किलर ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया है." इस्राएली सेना का कहना है कि उसने सभी हवाई खतरों को बीच रास्ते में ही रोकने के लिए दर्जन भर से ज्यादा लड़ाकू विमान तैयार रखे थे. इस्राएल ने हमला नाकाम होने के दावे के साथ ही इसे अपनी जीत बताया है. इस्राएली सेना, अमेरिका और दूसरे सहयोगियों के साथ मिल कर ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर रही थी. रविवार सुबह इस्राएल सेना ने कहा कि 99 फीसदी ड्रोनों और मिसाइलों को बीच रास्ते में ही रोक लिया गया. सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डानियल हागरी ने टेलिविजन पर प्रसारित संदेश में कहा, "ईरानी हमला नाकाम हो गया."
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ईरान की रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने इस बात की पुष्टि की है कि सीरिया में कॉन्सुलेट पर हुए हमले के जवाब में ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया गया है. रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स का कहना है कि धीमी गति के ड्रोन हमलों के करीब एक घंटे बाद बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं. तेहरान के फलीस्तीन चौक पर सैकड़ों ईरानी लोग जमा हो कर फलीस्तीन के समर्थन में झंडे लहरा रहे थे. इलाके में ईरान के सहयोगियों ने भी इस हमले में हिस्सा लिया. यमन के ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों ने भी इस्राएल के तरफ ड्रोन से हमला किया. लेबनान के हिज्बुल्लाह संगठन का भी कहना है कि उसने गोलन पहाड़ियों में इस्राएली ठिकानों पर उसी समय रॉकेट दागे हैं.
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक नेगेव के रेगिस्तान में इस्राएली एयर बेस को "काफी नुकसान" हुआ है. हालांकि इस्राएली आर्मी का कहना है कि नुकसान बहुत मामूली है.
उधर ईरान का कहना है कि हमले ने "अपने सारे उद्देश्य पूरे" कर लिए हैं. ईरानी सेना के प्रमुख मोहम्मद बाघेरी ने ईरान की सरकारी टेलिविजन चैनल से कहा, "ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस ...पिछली रात से आज सुबह तक पूरा हुआ और अपने सभी उद्देश्यों को हासिल करने में सफल रहा." ईरान का कहना है कि उसने यह हमला एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के कॉन्सुलेट पर हुए हमले के बाद "आत्मरक्षा" में किया.
बाघेरी का कहना है कि हमले में एक इंटेलिजेंस सेंटर और उस एयरबेस को निशाना बनाया है जहां से कॉन्सुलेट पर हमले के लिए इस्राएली एफ-35 लड़ाकू विमान ने उड़ान भरी थी. बाघेरी ने यह भी कहा, "इन दोनों सेंटरों को ध्वस्त कर बेकार कर दिया गया है. हम इस ऑपरेशन को पूरा मानते हैं और हमारी राय में यह खत्म हो गया है." इस्राएल का कहना है कि हमले में हुआ नुकसान बहुत मामूली है.
अमेरिका का सहयोग
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह इस्राएल के साथ ईरान के विवाद से खुद को अलग रखे. मिशन की तरफ से कहा गया है, "यह ईरान और कपटी इस्राइली सत्ता के बीच लड़ाई है जिससे अमेरिका को जरूर अलग रहना चाहिए." मिशन की तरफ से जारी बयान में यह भी उम्मीद जताई गई है कि ईरान के राजनयिक मिशन पर हमले की सजा देने के लिए उठाया गया ईरान का कदम इस विवाद को और नहीं भड़काएगा, "यह मामला यहीं खत्म हो जाना चाहिए."
अमेरिकी राष्ट्रपति के अल्टीमेटन से बदले नेतन्याहू के सुर
हालांकि ईरान की चेतावनी के बावजूद अमेरिका ने इस्राएल को उसकी तरफ आ रही मिसाइलों और ड्रोनों को मार गिराने मे मदद दी. बाइडेन ने एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका ने, "इस्राएल को लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने में मदद दी है." बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू से टेलिफोन पर बातचीत में कहा, "इस्राएल ने अभूतपूर्व हमले के खिलाफ भी खुद को बचाने की क्षमता का शानदार प्रदर्शन कर अपने दुश्मनों को यह साफ संदेश दिया है कि वे इस्राएल की सुरक्षा को खतरा नहीं पहुंचा सकते." न्यूज आउटलेट आक्सियोस का कहना है कि बाइडेन ने नेतन्याहू से कहा है कि वह ईरान के खिलाफ जवाबी हमले का विरोध करेंगे और उन्हें "जीत को स्वीकार" करना चाहिए.
एनआर/आरएस (एएफपी, डीपीए)