उमर के बचाव में उतरे राहुल गांधी
१६ सितम्बर २०१०कोलकाता में एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान राहुल ने जम्मू कश्मीर में अपने किसी हस्तक्षेप से इनकार किया. साथ ही उन्होंने राज्य से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून हटाने पर टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया. जब उनसे पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह नाकाम हो गए हैं तो उन्होंने कहा, "सरकार उमर अब्दुल्लाह का समर्थन करती है. नेशनल कांफ्रेस सत्ता में है. वह युवा हैं. कश्मीर मुश्किल जगह है. उमर मुश्किल जिम्मेदारी निभा रहे हैं. उन्हें समर्थन और वक्त दिए जाने की जरूरत है."
कश्मीर और उमर से जुड़े सवाल पर राहुल ने कहा कि कांग्रेस उनका समर्थन करती हैं और वह नेशनल कांफ्रेस के नेता हैं. कांग्रेस महासचिव ने एक पत्रकार के सवाल को सही करते हुए कहा कि उन्होंने यह नहीं कहा कि कश्मीर की स्थिति गंभीर है. सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून पर पूछे गए सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि इस बारे में जो कहना है प्रधानमंत्री ही कहेंगे. इस मुद्दे पर उन्हें ज्यादा जानकारी है. राहुल के मुताबिक, "इस बारे में टिप्पणी करना प्रधानमंत्री जैसे वरिष्ठ लोगों का काम है. अगर मैं यह कहूं कि इसे हटाया जाए या फिर बरकरार रखा जाए तो यह गैर जिम्मेदाराना होगा."
जब राहुल से पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती के इस आग्रह के बारे में पूछा गया कि वह खुद जम्मू कश्मीर में हस्तक्षेप करें तो राहुल ने कहा, "कश्मीर कोई पार्ट टाइम समस्या नहीं है. यह फुल टाइम समस्या है." इस बीच कश्मीर में लगातार जारी हिंसा के बीच यह भी खबरें हैं कि पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच मंगलवार को अलग से बैठक हुई है. इससे अटकलें लग रही है कि दोनों पार्टियां जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने के लिए अपने पुराने गठबंधन को फिर से कायम कर सकती हैं
राहुल ने कहा कि कई नेता उन्हें नई नई जिम्मेदारियां देना चाहते हैं, लेकिन अभी वह युवा कांग्रेस के नेता के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को सही से निभाना चाहते हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह